2019 के लोकसभा चुनाव का सेमीफइनल कहे जाने वाले पांच राज्यों के नतीजे आ गए हैं। राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने बेहतर प्रदर्शन...
नई दिल्लीः (मनीष शर्मा) 2019 के लोकसभा चुनाव का सेमीफइनल कहे जाने वाले पांच राज्यों के नतीजे आ गए हैं। राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने बेहतर प्रदर्शन करते हुए सरकार बनाने जा रही है, वहीँ तेलंगाना में तेलंगाना राष्ट्र समिति और मिजोरम में मिज़ो नेशनल फ्रंट को जीत हासिल हुई है।

राहुल के तूफानी अभियान में पिछड़े मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, मिजोरम और तेलंगाना के विधानसभा चुनाव में जमकर प्रचार किया। चुनाव रैलियों की बात की जाए तो इस बार कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बाज़ी मार ली है। इन चुनावों में सबसे हैरानी वाली बात थी कि पीएम मोदी ने बहुत ही कम रैलियां कीं। सूत्रों के अनुसार, मोदी की रैलियों की संख्या को जानबूझ कर कम किया गया ताकि हार की स्थिति में ठीकरा प्रधानमंत्री पर न फूटे। राहुल गांधी ने पांच राज्यों में जहां 82 रैलियां की वहीँ प्रधानमंत्री मोदी ने सिर्फ 32 रैलियां की। राहुल गांधी औसतन दिन में दो रैलियां कर रहे थे। राहुल गांधी ने मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में अपनी पूरी ताक़त झोंक दी थी, जिसके परिणाम स्वरूप कांग्रेस की तीनो राज्यों में सरकार बनने जा रही है।

मोदी रैली बनाम राहुल रैली
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजस्थान में 12, मध्य प्रदेश में 10, छत्तीसगढ़ में 4, तेलंगाना में 5 और मिजोरम में एक ही रैली को संबोधित किया। जबकि राहुल गांधी ने राजस्थान में 19, मध्य प्रदेश में 25, छत्तीसगढ़ में 19, तेलंगाना में 17 और मिजोरम में 2 रैलियों को संबोधित किया।

इन चुनाव नतीजों के मायने
सत्ता का सेमीफइनल कहे जाने वाले इन पांचो राज्यों के चुनाव ने लोकसभा चुनाव की नींव रख दी है। बता दें कि मध्य प्रदेश में 29, राजस्थान में 25, छत्तीसगढ़ में 11, तेलंगाना में 17 और मिजोरम में 1 लोकसभा सीट हैं। जहां राहुल गांधी ने राफेल, नोटबंदी और महंगाई पर नरेंद्र मोदी सरकार को घेरा तो वहीं प्रधानमंत्री मोदी ने सिर्फ गांधी परिवार खासकर राहुल गांधी को अपने चुनाव भाषणों में मुख्य मुद्दा बनाया।
- महागठबंधन की तस्वीर साफ़ होगी। अन्य दल भी जुड़ने के इच्छुक होंगे।
- महागठबंधन में कांग्रेस की स्थिति मजबूत होगी। राहुल गाँधी को नेतृत्व करने का मौका मिल सकता है।
- प्रधानमंत्री मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की 'अजय' छवि टूटेगी।
- राष्ट्रिय लोक समता पार्टी के बाद दूसरे दल भी एनडीए से किनारा कर सकते हैं।
- क्षेत्रीय दलों की लोकसभा चुनावों में महत्वपूर्ण भूमिका होगी

2018 के चुनाव: कांग्रेस का ग्राफ चढ़ा, बीजेपी का गिरा
राहुल गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष बने आज पूरा एक साल हो गया है। 11 दिसंबर 2017 में कांग्रेस अध्यक्ष नियुक्त हुए थे। इस एक साल में कांग्रेस ने जहां बेहतर प्रदर्शन किया है वहीं नोटबंदी, जीएसटी और तेल के बढ़ते दामों के चलते बीजेपी को जनता ने बुरी तरह से नकार दिया।
- देश में 9 राज्यों में विधानसभा चुनाव हुए जिसमें कर्नाटक, राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार बनाने में सफल रही। वहीँ बीजेपी सिर्फ त्रिपुरा ही जीत पाई।
- 13 संसदीय उपचुनावों में कांग्रेस ने 3 सीटें (राजस्थान की अलवर,अजमेर और कर्नाटक की बेलारी) जीतीं तो वहीँ बीजेपी सिर्फ 2 सीटें (महाराष्ट्र की पालघर और कर्नाटक की शिवमोगा) ही जीत पाई । इन उपचुनावों में बीजेपी ने अपनी 9 सीटें खो दी जो उसने 2014 में मोदी लहर में जीतीं थी।बीजेपी ने जो 9 सीटें हारीं वो है - राजस्थान की अलवर और अजमेर, उत्तर प्रदेश की गोरखपुर,फूलपुर और कैराना, महाराष्ट्र की भंडारा-गोंदिया और कर्नाटक की बेल्लारी।
- विधानसभा उपचुनावों में कांग्रेस को 6 सीटें मिली तो बीजेपी को सिर्फ एक सीट से ही संतोष करना पड़ा। वह सीट जहां कांग्रेस विजयी रही वो हैं -पंजाब की शाहकोट, महाराष्ट्र की पलुस कडेगांव, मेघालय की अम्पति, कर्नाटक की आरआर नगर, जामखंडी और जयनगर। बीजेपी उत्तराखंड की थराली सीट ही जीत पाई।
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