BREXIT: 47 साल बाद 31 जनवरी को रात 11 बजे ब्रिटेन में बना नया इतिहास

Edited By Tanuja,Updated: 01 Feb, 2020 10:33 AM

britain finally breaks away from eu after 47 years of membership

ब्रिटेन में  47 साल बाद स्थानीय समय के अनुसार शुक्रवार यानि 31 जनवरी रात 11 बजे  (भारतीय समय शनिवार तड़के साढ़े 4 बजे) ...

लंदनः ब्रिटेन में  47 साल बाद स्थानीय समय के अनुसार शुक्रवार यानि 31 जनवरी रात 11 बजे  (भारतीय समय शनिवार तड़के साढ़े 4 बजे) नया इतिहास बन गया और यूरोपीय संघ से ब्रिटेन अलग हो गया।  ब्रेक्जिट यानि ब्रिटेन का यूरोपीय संघ से अलग होने की प्रक्रिया वर्ष 2016 में शुरू हुई थी। वर्ष 2016 में हुए जनमत सर्वेक्षण में 51.89 प्रतिशत लोगों ने ब्रिटेन के यूरोपीय संघ से अलग होने के पक्ष में मतदान किया था। ब्रेक्जिट के मुद्दे पर ब्रिटेन के दो प्रधान मंत्रियों डेविड कैमरन तथा  थेरेसा मे को इस्तीफा देना पड़ा था। आखिरकार मौजूदा समय में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन संसद में ब्रेक्जिट प्रस्ताव को पास कराने में सफल हुए।

PunjabKesari

क्या है ब्रेक्जिट
ब्रेक्जिट का मतलब है ब्रिटेन एक्जिट यानी ब्रिटेन का यूरोपीय यूनियन से बाहर जाना।  यूरोपीय यूनियन में 28 यूरोपीय देशों की आर्थिक और राजनीतिक भागीदारी है। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद आर्थिक सहयोग बढ़ाने के लिए यूरोपीय संघ का निर्माण हुआ था। इसके पीछे सोच थी कि जो देश एक साथ व्यापार करेंगे वो एक दूसरे के खिलाफ युद्ध करने से बचेंगे।  यूरोपीय यूनियन की अपनी मुद्रा यूरो है, जिसका 28 में से 19 सदस्य देश इस्तेमाल करते हैं।   इस तरह, ब्रिटेन के अलग होने के बाद अब ईयू 27 देशों वाला समूह हो गया है। 

PunjabKesari

ब्रिटेन हुआ आजाद
ब्रिटेन यानी यूके ने यूरोपीय यूनियन (संघ) में 47 सालों तक रहने के बाद अपनी अलग राह चुन ली। ब्रिटेन शुक्रवार की देर रात को औपचारिक तौर पर यूरोपीय यूनियन (ईयू) से आजाद हो गया। इसके साथ ही ब्रिटेन 28 देशों के समूह वाले यूरोपीय यूनियन से अलग होने वाला पहला देश बन गया। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने इसे ऐतिहासिक पल करार दिया। ईयू से अलग होने यानी ब्रेक्जिट पर बोरिस जॉनसन ने कहा कि यह नए युग की शुरुआत है। उल्लेखनीय है कि लगभग पांच दशकों तक यूरोपीय संघ के साथ रहने के बावजूद ब्रिटेन ने कभी यूरो (यूरोपीय संघ की करेंसी) को नहीं अपनाया या वीजा-मुक्त यात्रा को लेकर हुए शेंगेन समझौते का हिस्सा नहीं रहा था। ब्रिटेन ने अब परिवर्तन अवधि यानि यूरोपीय संघ के साथ अपने भविष्य के संबंधों के विवरण पर सहमत होने के लिए निर्धारित 11 महीने का समय में प्रवेश कर लिया है। 

PunjabKesari

2016 में ब्रेक्जिट पर भड़की थी चिंगारी
दरअसल, 28 देशों के इस समूह से अलग होने के लिए वर्ष 2016 में ब्रेक्जिट पर जनमत संग्रह कराया गया था। इस तरह ब्रेक्जिट शुक्रवार को रात 11 बजे अस्तित्व में आया। बता दें कि ब्रक्जिट से पहले ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ने राष्ट्र को संबोधित किया। डाउनिंग स्ट्रीट ने राष्ट्र के नाम जॉनसन के संबोधन का बयान जारी किया। इसमें जॉनसन ने कहा कि यह बदलाव का पल है। सरकार के तौर पर हमारा काम इस देश को एकजुट रखना और इसे आगे ले जाना है। सबसे महत्वपूर्ण चीज यह है कि आज की रात कोई अंत नहीं बल्कि एक नई शुरूआत का समय है। दरअससल, कंजरवेटिव पार्टी के नेता जॉनसन पिछले साल ब्रेक्जिट कवायद को आखिरी मुकाम तक पहुंचाने के संकल्प के साथ देश के प्रधानमंत्री बने थे। उन्होंने इसे देश की नई शुरूआत के लिए ऐतिहासिक पल बताया है । 

PunjabKesari

कहीं खुशी कहीं गम 
यूरोपीय यूनियन यानी ईयू से अलग होने पर ब्रिटेन में कहीं खुशी तो कहीं मायूसी का माहौल है। माना जा रहा है कि ब्रेक्जिट से न सिर्फ ब्रिटेन और उसके आस-पास के लोगों की जिंदगी पर असर पड़ेगा, बल्कि भारतीय और व्यापारियों पर भी इसका असर देखने को मिल सकता है। ये भविष्य के व्यापार और मोबिलिटी अरेंजमेंट्स को लेकर स्पष्टता का इंतजार करेंगे। 

PunjabKesari

 भारत पर पड़ेगा क्या असर?
एक्सपर्ट्स का कहना है कि ब्रिटेन के यूरोपियन यूनियन से अलग होने पर भारत पर अच्छा और बुरा  दोनों तरह का असर पड़ेगा।  ब्रिटेन में 800 से ज्यादा भारतीय कंपनियां हैं, जो करीब सवा लाख लोगों को रोजगार देती हैं। इनमें से आधे से अधिक लोग केवल टाटा समूह की ही पांच कंपनियों में काम करते हैं। एक्सपर्ट्स का मानना है कि ब्रेक्जिट के बाद ब्रिटेन की करेंसी पाउंड में गिरावट की आशंका है ऐसे में जो भारतीय कंपनियों का ब्रिटेन से अपने कारोबार कर रही  उनके मुनाफे पर इसका असर होगा।

  • ब्रेक्जिट के बाद ब्रिटेन के साथ भारत का मुक्त व्यापार समझौता हो सकता है।  
  • इससे भारत-ब्रिटेन के बीच कारोबार बढ़ाने में मदद मिल सकती है  खासतौर से अपैरल इंडस्ट्री का निर्यात बढ़ेगा।
  • ब्रिटेन एक छोटा देश है, लेकिन वह एक सेंट्रल मार्केट है. पुर्तगाल और ग्रीस जैसे कई देश ब्रिटेन से सामान ले जाते हैं। ब्रिटेन के साथ एफटीए होने से भारत को एक विशाल बाजार मिल सकता है। 
  • यूरोपीय संघ के साथ भी भारत एफटीए की कोशिश कर रहा था, लेकिन वह सफल नहीं हुआ लेकिन अब ब्रिटेन के ईयू से अलग होने से भारत को लाभ होगा।
  • बैंक ऑफ अमेरिका की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ब्रिटेन और यूरोपीय यूनियन दोनों ही ब्रेक्जिट की प्रक्रिया में घाटे में रह सकते हैं। दोनों को ही एक दूसरे के विकल्प की जरूरत हो सकती है।
  •  यहां भारत प्रोडक्ट और सेवा ऑफर करने के मामले में अहम भूमिका निभा सकता है।
  • भारत टेक्नोलॉजी, साइबर सुरक्षा, डिफेंस और फाइनेंस में बड़ा भागीदार बन सकता है. निवेश के लिहाज से भी भारत की भूमिका अहम हो सकती है।

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!