Edited By Yaspal,Updated: 01 Feb, 2019 07:12 PM
वित्त मंत्री ने आज लोकसभा में वर्ष 2019-20 के लिए अंतरिम बजट पेश किया। इस पर पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने मोदी सरकार के बजट पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि यह लोगों के वोट पाने के लिए पैसे बांटने जैसा है। सिन्हा ने कहा, "अंतरिम बजट...
नेशनल डेस्कः वित्त मंत्री ने आज लोकसभा में वर्ष 2019-20 के लिए अंतरिम बजट पेश किया। इस पर पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने मोदी सरकार के बजट पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि यह लोगों के वोट पाने के लिए पैसे बांटने जैसा है। सिन्हा ने कहा, "अंतरिम बजट लाया जाना था। लेकिन सरकार ने संविधान की धज्जियां उड़ाते हुए अपना छठा बजट पेश कर दिया। उनको जनादेश केवर पांच बजट तक के लिए मिला था। लेकिन जैसा कि ये हर जगह कर ते हैं। संविधान की परंपराओं का ध्यान न रखते हुए इन्होंने अपना छठा बजट पेश कर दिया। उस तरफ किसी का ध्यान नहीं जा रहा। लोग सिर्फ यह बात कर रहे हैं कि बजट अच्छा है या बुरा।
कैश फॉर वोट बताया मूल मंत्र
सिन्हा ने कहा कि इस बजट में सरकार का बस एक ही प्रयास है कि विभिन्न वर्ग के लोगों को कैश उपलब्ध करा दो और वोट ले लो। यानी कैश फॉर वोट इनका मूल मंत्र है। अप्रैल-मई में चुनाव होंगे। एक्सपेंडिचर का एक आइटम है, जो किसानों के लिए लाया गया है। इसे पहली दिसंबर से लागू किया जा रहा है। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ कि एस्सपेंडिचर को पीछे से लागू किया जाए। लेकिन यह सरकार यह कर रही है और मार्च के अंत तक अगर यह सफल हुआ तो यह सरकार हर किसान को 2 हजार रुपया उपलब्ध करा देगी और अप्रैल-मई में चुनाव होगा, तो यह चुनाव कैश फॉर वोट नहीं तो क्या है?
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा, "केंद्र सरकार ने पहले ऐसा कभी नहीं किया कि अपने वोट ऑन अकाउंट वाले बजट में ऐसी बातें की। इस पर किस ने सवाल नहीं उठाया कि इस सरकार को छठा बजट पेश करने का कोई अधिकार नहीं था। वित्त मंत्री खड़े होते हैं और अंतरिम बजट के लिए लेकिन पूरा बजट पेश कर देते हैं। 70 साल की जो परंपराएं रही हैं। अपने देश में उसको उन्होंने समाप्त कर दिया।
कई योजनाओं में की गई कटौती
सिन्हा ने कहा कि अगर हम इस बजट के विस्तार मे जाएं तो पाएंगे कि कई आवंटन कम करके रखा गया है। पिछले बजट की तुलना में ग्रीन रिवोल्यूशन, व्हाइट रिवोल्यूशन, ब्लू रिवोल्यूशन, प्रधानमंत्री सिंचाई योजना, स्वच्छ भारत मिशन, महिला सशक्तिकरण जैसी योजनाओं में आवंटन कम कर दिया गया है। इसका अर्थ यह हुआ कि रियलिस्टिक एस्टीमेट नहीं बनाया गया है।
बता दें कि वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने अंतरिम बजट में कई लोक लुभावन घोषणाएं कीं। उन्होंने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना शुरू की जिसके तहत छोटे किसानों को तीन किस्तों में सालाना 6,000 रुपए नकद मिलेंगे। सरकार पर इस योजना से सालाना 75,000 करोड़ रुपए का वार्षिक बोझ बढ़ेगा। यह सहायता दो हेक्टेयर से कम जोत वाले किसानों को मिलेगी।