Edited By Yaspal,Updated: 02 Feb, 2020 06:32 AM
सरकार ने वित्त वर्ष 2020-21 के बजट में ग्रामीण विकास विभाग के तहत विभिन्न प्रमुख योजनाओं के लिए आवंटन मामूली घटाकर 1.20 लाख करोड़ रुपये कर दिया है। इससे पिछले वित्त वर्ष में यह 1.22 लाख करोड़ रुपये था। वहीं रोजगार गारंटी योजना मनरेगा
नई दिल्लीः सरकार ने वित्त वर्ष 2020-21 के बजट में ग्रामीण विकास विभाग के तहत विभिन्न प्रमुख योजनाओं के लिए आवंटन मामूली घटाकर 1.20 लाख करोड़ रुपये कर दिया है। इससे पिछले वित्त वर्ष में यह 1.22 लाख करोड़ रुपये था। वहीं रोजगार गारंटी योजना मनरेगा के लिए आवंटन में 9,500 करोड़ रुपये की कटौती की गई है।
बजट दस्तावेजों के अनुसार महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के लिए 61,500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। यह 2019-20 के कुल अनुमानित व्यय यानी 71,001.81 करोड़ रुपये से 13 प्रतिशत कम है।
ग्रामीण विकास मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि 2020-21 में मनरेगा के लिए वास्तविक व्यय आवंटित कोष से अधिक या इस साल के अनुमानित व्यय के बराबर रहेगा। मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि 2008-14 में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के कार्यकारल में मनरेगा के तहत कुल खर्च 1.91 लाख करोड़ रुपये रहा।
यह 2014 से 2020 तक राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के कार्यकाल में बढ़कर 2.95 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया। हालांकि, अन्य प्रमुख योजनाओं मसलन प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई), प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) तथा ग्रामीण इलाकों में सड़क और आवास की कल्याण योजनाओं के लिए आवंटन बढ़ा है।