बजट वेबिनार में बोले पीएम मोदी- देश में कृषि क्रांति लाने का समय आ गया है

Edited By vasudha,Updated: 01 Mar, 2021 12:09 PM

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि आज हमें कृषि के हर सेक्टर में प्रोसेसिंग पर सबसे ज़्यादा ध्यान देना है। इसके लिए जरूरी है कि किसानों को अपने गांवों के पास ही स्टोरेज की आधुनिक सुविधा मिले। पीएम मोदी ने बजट में कृषि क्षेत्र के लिए की गई...

नेशनल डेस्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि आज हमें कृषि के हर सेक्टर में प्रोसेसिंग पर सबसे ज़्यादा ध्यान देना है। इसके लिए जरूरी है कि किसानों को अपने गांवों के पास ही स्टोरेज की आधुनिक सुविधा मिले। पीएम मोदी ने बजट में कृषि क्षेत्र के लिए की गई घोषणाओं पर वेबिनार में कहा कि खेत से प्रोसेसिंग यूनिट तक पहुंचने की व्यवस्था सुधारनी ही होगी। 

 

किसानों को सीमित रखने का नुकसान देश देख रहा है : पीएम मोदी 

  • लगातार बढ़ते कृषि उत्पादन के बीच, 21वीं सदी में भारत को पोस्ट हार्वेस्ट क्रांति या फूड प्रोसेसिंग क्रांति और वैल्यू एडिशन की आवश्यकता है। 
  • देश के लिए बहुत अच्छा होता अगर ये काम दो-तीन दशक पहले ही कर लिया गया होता।
  • आज ये समय की मांग है कि देश के किसान की उपज को बाज़ार में ज़्यादा से ज़्यादा विकल्प मिलें। 
  • सिर्फ उपज तक किसानों को सीमित रखने का नुकसान देश देख रहा है।
  •  हमें देश के कृषि क्षेत्र का प्रोसेस्ड फूड के वैश्विक मार्केट में विस्तार करना ही होगा। 


प्रोसेसिंग पर विशेष ध्यान देना होगा: पीएम मोदी 

  • आज हमें कृषि के हर सेक्टर में हर खाद्यान्न, फल, सब्जी, मत्स्य सभी में प्रोसेसिंग पर विशेष ध्यान देना है।
  • ऑपरेशन ग्रीन्स योजना के तहत किसान रेल के लिए सभी फलों और सब्जियों के परिवहन पर 50 प्रतिशत सब्सिडी दी जा रही है।
  • किसान रेल भी आज देश के कोल्ड स्टोरेज नेटवर्क का सशक्त माध्यम बनी है।
  • खेती से जुड़ा एक और अहम पहलू सॉइल टेस्टिंग का है।
  • बीते वर्षों में केंद्र सरकार द्वारा करोड़ों किसानों को सॉइल हेल्थ कार्ड दिए गए हैं।
  • अब हमें देश में सॉइल हेल्थ कार्ड की टेस्टिंग की सुविधा गांव-गांव तक पहुंचानी है।


किसानों को देने हैं नए विकल्प: पीएम मोदी 

  • एग्रीकल्चर सेक्टर में R&D को लेकर ज्यादातर योगदान पब्लिक सेक्टर का ही है।
  • अब समय आ गया है कि इसमें प्राइवेट सेक्टर की भागीदारी बढ़े।
  • हमें अब किसानों को ऐसे विकल्प देने हैं जिसमें वो गेहूं-चावल उगाने तक ही सीमित न रहे।
  • मोटे अनाज के लिए भारत की एक बड़ी जमीन बहुत उपयोगी है।
  • मोटे अनाज की डिमांड पहले ही दुनिया में बहुत अधिक थी, अब कोरोना के बाद ये इम्यूनिटी बूस्टर के रूप में बहुत प्रसिद्ध हो चुका है।
  • इस तरफ किसानों को प्रोत्साहित कराना भी फूड इंडस्ट्री के साथियों की बहुत बड़ी जिम्मेदारी है।

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