Edited By vasudha,Updated: 20 Apr, 2020 03:36 PM
कोरोना वायरस संकट के कारण घोषित पूर्ण बंद (लॅाकडाउन) के 27 दिन बाद राज्यसभा सचिवालय में सभी एहतियाती उपाय अपनाते हुये सोमवार से कामकाज शुरु हो गया। हालांकि इस दौरान सिर्फ आवश्यक कार्यों के निष्पादन की ही अनुमति दी गयी है...
नेशनल डेस्क: कोरोना वायरस संकट के कारण घोषित पूर्ण बंद (लॅाकडाउन) के 27 दिन बाद राज्यसभा सचिवालय में सभी एहतियाती उपाय अपनाते हुये सोमवार से कामकाज शुरु हो गया। हालांकि इस दौरान सिर्फ आवश्यक कार्यों के निष्पादन की ही अनुमति दी गयी है। राज्यसभा सचिवालय की ओर से दी गयी जानकारी के अनुसार, लॉकडाउन के दौरान 20 अप्रैल से बंद के नियमों में आंशिक ढील दिये जाने के बाद काम शुरु करने का फैसला किया गया।
राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने इस दौरान सिर्फ ऐसे महत्वपूर्ण काम करने की अनुमति दी है जिनके निष्पादन को लंबित नहीं रखा जा सकता हो। उल्लेखनीय है कि लॉकडाउन लागू होने के साथ ही 25 मार्च से राज्यसभा सचिवालय को बंद कर दिया गया था। नायडू ने भी ट्वीट कर कहा कि 25 मार्च से लागू पूर्ण बंद के 27 दिन बाद आज राज्यसभा सचिवालय ने अपना कार्य पुनः प्रारंभ किया। नायडू ने राज्यसभा सचिवालय के सभी कर्मचारियों को कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने के लिये सरकार द्वारा जारी दिशानिर्देशों का पालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है।
राज्यसभा के सभापति ने हा कि मैंने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि बंद के दिशानिर्देशों का अक्षरशः पालन करते हुए, सिर्फ ऐसे महत्वपूर्ण कामकाज ही निष्पादित किए जाएं जिन्हें लंबित नहीं रखा जा सकता । नायडू ने संक्रमण रोधी सभी जरूरी एहतियाती उपाय सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया है। उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा कि ‘निर्देश दे दिए गए हैं कि संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए सभी आवश्यक सावधानियां बरती जाएं और उनके प्रबंध किए जाएं। इसके लिए संसद भवन के प्रवेश द्वार पर ही सभी वाहनों को संक्रमणमुक्त किया जाता है तथा अधिकारियों, कर्मचारियों के तापमान की जांच की जाती है।
नायडू ने राज्यसभा सचिवालय के कर्मचारियों और जनसामान्य से अपील करते हुये कहा कि मैं सभी संबद्ध लोगों से आग्रह करता हूं कि आज से प्रारंभ हो रही आंशिक ढील के दौरान भी कार्यस्थल तथा वाणिज्यिक या व्यावसायिक स्थानों पर संक्रमण के विरुद्ध सुरक्षा और सावधानी के सभी प्रावधान किए जायें।