Edited By Yaspal,Updated: 03 Nov, 2020 09:03 PM
कोरोना वायरस वैश्विक महामारी को लेकर डर के बावजूद हजारों लोग मंगलवार सुबह देश के 10 राज्यों की 54 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हुआ। जिन सीटों पर उपचुनाव हुआ, उनमें मध्य प्रदेश की 28 विधानसभा सीटें भी शामिल हैं, जहां अपनी सरकार बचाने के लिए कांग्रेस के...
नेशनल डेस्कः कोरोना वायरस वैश्विक महामारी को लेकर डर के बावजूद हजारों लोग मंगलवार सुबह देश के 10 राज्यों की 54 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हुआ। जिन सीटों पर उपचुनाव हुआ, उनमें मध्य प्रदेश की 28 विधानसभा सीटें भी शामिल हैं, जहां अपनी सरकार बचाने के लिए कांग्रेस के साथ भाजपा का कड़ा मुकाबला है। राज्य की 28 सीटों पर 66 फीसदी मतदान हुआ है।
इसके अलावा गुजरात में 8 सीटों पर करीब 55.84 फीसदी मतदान हुआ। इस साल जून में हुए राज्यसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के मौजूदा विधायकों के इस्तीफा देने के चलते इन सीटों पर उपचुनाव कराना जरूरी हो गया। ये पांचों बाद में सत्तारूढ़ भाजपा में शामिल हो गए और पार्टी ने उन्हें उन सीटों से मैदान में उतारा है जिन पर उन्होंने 2017 में जीत दर्ज की थी।
उत्तर प्रदेश की सात विधानसभा सीटों पर उपचुनाव में 51.21 प्रतिशत वोट पड़े। उत्तर प्रदेश की जिन 7 सीटों पर उपचुनाव हुआ, उनमें नौगांवा सादात, बुलंदशहर, टूंडला, बांगरमऊ, घाटमपुर, देवरिया, मल्हनी। नौगांवा सादात, बुलंदशहर, घाटमपुर, देवरिया और मल्हनी सीटें वर्ष 2017 में इन पर चुने गए विधायकों के निधन की वजह से रिक्त हुई हैं। वहीं, बांगरमऊ सीट भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को उम्र कैद की सजा के कारण उनकी सदन की सदस्यता समाप्त होने जबकि टूंडला की सीट उस पर विधायक चुने गए एसपी सिंह बघेल के आगरा से सांसद बनने के बाद खाली हुई है। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में इन सात सीटों में से छह पर भाजपा ने जबकि मल्हनी सीट पर सपा ने जीत हासिल की थी।
वहीं, ओड़िशा की 2 सीटों पर 68 फीसदी, नागालैंड की 2 83.69 फीसदी, झारखंड की 2 सीटों पर 62.46 फीसदी, कर्नाटक में 51.30 फीसदी, छत्तीसगढ़ में 72 फीसदी, हरियाणा 61.57 फीसदी, तेलंगाना 81.44 फीसदी वोटिंग हुई।