वर्ष के अंत तक डेंगू के मामले में आ सकती है तेजी

Edited By Pardeep,Updated: 04 Oct, 2019 05:17 AM

by the end of the year there may be a rise in the case of dengue

राजधानी दिल्ली में अब तक मच्छर जनित बीमारियां नियंत्रित है लेकिन वर्ष के अंत तक मच्छर जनित बीमारियों का जोर बढ़ सकता है। अक्तूबर का महीना आ चुका है लेकिन गर्मी का आलम यह है कि घरों में अब भी पंखे और एसी चलाने की जरूरत पड़ रही है। इस वर्ष पड़ी...

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में अब तक मच्छर जनित बीमारियां नियंत्रित है लेकिन वर्ष के अंत तक मच्छर जनित बीमारियों का जोर बढ़ सकता है। अक्तूबर का महीना आ चुका है लेकिन गर्मी का आलम यह है कि घरों में अब भी पंखे और एसी चलाने की जरूरत पड़ रही है। इस वर्ष पड़ी रिकॉर्ड तोर गर्मी और भारी बारिश से माहौल में जिस तरह से आद्रर्ता पैदा हुई है, वह मच्छरों के पनपने के लिए बेहद मुफीद साबित होगा। यहां बता दें कि इस वर्ष जुलाई के महीने को सबसे गर्म रिकॉर्ड किया गया है। 

डब्ल्यूएचओ के विशेषज्ञों ने प्लास्टिक को बड़ी वजह करार दिया : विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के विशेषज्ञों ने प्लास्टिक को डेंगू का बड़ा कारण माना है। हालांकि, देश में अब सिंगल यूज प्लास्टिक को प्रतिबंधित कर दिया गया है लेकिन पहले से मौजूद प्लास्टिक के निस्तारण को लेकर बड़ी सावधानी बरतने की जरूरत होगी। सफदरजंग अस्पताल के सामुदायिक मेडिसिन विभाग के निदेशक और एचओडी प्रोफेसर जुगल किशोर के मुताबिक भी इधर-उधर फैले प्लास्टिक में बड़ी आसानी से डेंगू-चिकनगुनिया फैलाने वाले मच्छर पनप सकते हैं। मौसम में मौजूद आद्रता से उन्हें और अनुकूल माहौल मिल जाएगा। ऐसे में घर से लेकर बाहर तक यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि प्लास्टिक से बने बेकार सामानों का निस्तारण सुरक्षित तरीके से की जाए। 

निगम की ताजा रिपोर्ट बढ़ते प्रभाव की तरफ कर रही है ईशारा 
राजधानी तमाम कोशिशों के बाद डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया के मामलों में तेजी आती हुई दिखाई दे रही है। आलम यह है कि मलेरिया और चिकनगुनिया ने तो पिछले साल के आंकड़ों को भी पीछे छोड़ दिया है। दिल्ली नगर निगम की ताजा रिपोर्ट से यह स्पष्ट होता है। रिपोर्ट के मुताबिक महज एक हफ्ते में ही डेंगू के 65 नए मामले सामने आ चुके हैं। वहीं इस वर्ष डेंगू के कुछ मामलों की संख्या 282 जा पहुंची है। 

वहीं, मलेरिया और चिकनगुनिया भी तेजी से अपना प्रभाव बढ़ाता हुआ दिख रहा है। महज एक हफ्ते में जहां मलेरिया के 64 नए मामले सामने आ चुके हैं। जबकि इस वर्ष मलेरिया के कुछ 368 मामले दर्ज किए जा चुके हैं। पिछले वर्ष मलेरिया ने 308 लोगों को बीमार किया था। वहीं केवल 1 हफ्ते में चिकनगुनिया के 13 मामले रिकॉर्ड हो चुके हैं। जबकि, वर्ष का आंकड़ा 87 तक जा पहुंचा है। पिछले वर्ष चिकनगुनिया के 79 मामले दर्ज किए गए थे। 

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