Edited By Anil dev,Updated: 09 Jan, 2020 03:19 PM
मुंबई के गेट वे ऑफ इंडिया से पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा की अगुवाई में नागरिकता संशोधन कानून (CAA), एनआरसी और एनपीआर के विरोध में विपक्ष ने एकजुटता दिखाते हुए "गांधी शांति" की शुरुआत की है। मुंबई से शुरू हुआ यह गांधी मार्च 21 दिन बाद दिल्ली...
नई दिल्लीः मुंबई के गेट वे ऑफ इंडिया से पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा की अगुवाई में नागरिकता संशोधन कानून (CAA), एनआरसी और एनपीआर के विरोध में विपक्ष ने एकजुटता दिखाते हुए "गांधी शांति" यात्रा की शुरुआत की है। मुंबई से शुरू हुआ यह गांधी मार्च 21 दिन बाद दिल्ली के राजघाट पर खत्म होगा। यात्रा में मुख्य तौर पर कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चौहान, एनसीपी प्रमुख शरद पवार और नवाब मलिक भी हिस्सा ले रहे हैं।
दरअसल, सीएए, एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ और दिल्ली के जेएनयू हमले जैसे मुद्दों की जांच सुप्रीम कोर्ट के मौजूदा न्यायाधीश द्वारा न्यायिक जांच कराने की मांग को लेकर यशवंत सिन्हा मुंबई से शुरू हो रही बहुराज्यीय यात्रा का नेतृत्व कर रहे हैं। यात्रा शुरू करने से पहले यशवंत सिन्हा ने कहा कि हम लोगों के बीच जाएंगे और उनसे CAA और NRC को लेकर अपनी बात कहेंगे। लोगों को बताएंगे कि CAA और NRC से उनका क्या नुकसान होगा। उन्होंने कहा कि हम अंबेडकर जी द्वारा बनाए गए संविधान की रक्षा करेंगे और गांधी जी की दोबारा हत्या नहीं होने देंगे।
इस यात्रा की शुरुआत एनसीपी नेता शरद पवार ने हरी झंडी दिखाकर कीं। यात्रा में एनसीपी कार्यकर्ता और नेता भी हिस्सा ले रहें हैं। बता दें कि महाराष्ट्र में एनसीपी, शिवसेना और कांग्रेस गठबंधन की सरकार फिलहाल सत्ता में है। यह "गांधी शांति" यात्रा महाराष्ट्र के गेटवे ऑफ इंडिया से चलकर राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हरियाणा से होते हुए 30 जनवरी को दिल्ली के राजघाट पर समाप्त होगी। इस दौरान करीब तीन हजार किलोमीटर का सफर तय किया जाएगा। बता दें कि 30 जनवरी को महात्मा गांधी की पुण्यतिथि है।