Edited By Seema Sharma,Updated: 29 Dec, 2019 01:52 PM
नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) तथा राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) के विरोध में रंगोली बनाकर एक तरह का अनूठा प्रदर्शन करने वाली तमिलनाडु की छह महिलाओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया लेकिन बाद में उन्हें रिहा...
चेन्नई: नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) तथा राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) के विरोध में रंगोली बनाकर एक तरह का अनूठा प्रदर्शन करने वाली तमिलनाडु की छह महिलाओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया लेकिन बाद में उन्हें रिहा कर दिया। पुलिस सूत्रों ने बताया कि सीएए, एनआरसी और एनपीआर के विरोध में ‘सिटीजंस अगेंस्ट सीएए' समूह के बैनर तले इन महिलाओं ने रंगोली बनाई थी। रंगोली में ‘‘नो टू सीएए, नो टू एनआरसी, नो टू एनपीआर '' नारे के शब्दों को उकेरा गया था।
इससे पहले प्रदर्शनकारियों ने बसंत नगर बस टर्मिनल के समीप सुबह 7 से 10 बजे तक रंगोली बनाए जाने की अनुमति मांगी थी, लेकिन पुलिस ने इसकी इजाजत नहीं दी। पुलिस से अनुमति नहीं मिलने के बाद समूह की महिलाएं बसंत नगर-4 एवेन्यू पहुंची और वहां रंगोली बनाना शुरू कर दिया। पुलिस ने यहां महिलाओं को हिरासत में ले लिया,हालांकि बाद में उन्हें रिहा कर दिया।
इस बीच द्रमुक अध्यक्ष एम के स्टालिन ने छह महिलाओं को हिरासत में लिए जाने की घटना की निंदा की और कहा कि यह सत्तारूढ़ अन्नाद्रमुक सरकार की बढ़ती जा रही प्रताड़ना की प्रवृत्ति का एक और उदाहरण है। उन्होंने संविधान में प्रतिष्ठापित बुनियादी अधिकारों पर पाबंदी लगाने के लिए सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि सरकार को मानवाधिकारों का सम्मान करना चाहिए। उन्होंने महिलाओं के खिलाफ दर्ज मामले वापस लिए जाने की मांग की।