Edited By Seema Sharma,Updated: 26 Dec, 2019 01:22 PM
आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत ने नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी पर विश्वविद्यालयों के प्रदर्शन पर सवाल उठाए। रावत ने किसी यूनिवर्सिटी का नाम लिए बिना कहा कि नेतृत्व क्षमता वह नहीं है जो लोगों को गलत दिशा में लेकर जाती हो। आज हम सब बड़ी संख्या में...
नेशनल डेस्कः आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत ने नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी पर विश्वविद्यालयों के प्रदर्शन पर सवाल उठाए। रावत ने किसी यूनिवर्सिटी का नाम लिए बिना कहा कि नेतृत्व क्षमता वह नहीं है जो लोगों को गलत दिशा में लेकर जाती हो। आज हम सब बड़ी संख्या में यूनिवर्सिटी और कॉलेजों में छात्रों की अगुआई में कई शहरों में भीड़ और लोगों को हिंसक प्रदर्शन करते देख रहे हैं। यह नेतृत्व क्षमता नहीं है। उन्होंने कहा कि नेतृत्व करने वाला नेता दूसरों को सही दिशा में ले जाता है, गलत में नहीं। साथ ही उन्होंने दिल्ली में एक कार्यक्रम में उन्होंने मुश्किल परिस्थितियों में डटे सेना के जवानों की सराहना की।
उन्होंने कहा कि लोग दिल्ली की ठंड से खुद को बचाने में जुटे हैं जबकि सियाचिन में मेरे जवान -10 से -45 डिग्री में सरहद की रक्षा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि नेतृत्व करना आसान नहीं बल्कि बहुत मुश्किल काम है। आर्मी चीफ ने कहा कि जब आप आगे बढ़ते हैं तो बड़ी संख्या में लोग आपको फॉलो करते हैं। यह दिखने में सामान्य लगता है, लेकिन यह बहुत-बहुत मुश्किल काम है।