Edited By Seema Sharma,Updated: 21 Oct, 2018 10:45 AM
कांग्रेस राफेल मुद्दे पर जे.पी.सी. की मांग पर दबाव डाल रही है और अन्य दल राफेल जैट समझौते की कैग द्वारा जांच की मांग कर सकते हैं लेकिन अब चर्चा है कि (कैग) शीघ्र ही फ्रांस के साथ हुए 58 हजार करोड़ रुपए के राफेल समझौते पर अपनी ऑडिट रिपोर्ट पूरी करने...
नेशनल डेस्कः कांग्रेस राफेल मुद्दे पर जे.पी.सी. की मांग पर दबाव डाल रही है और अन्य दल राफेल जैट समझौते की कैग द्वारा जांच की मांग कर सकते हैं लेकिन अब चर्चा है कि (कैग) शीघ्र ही फ्रांस के साथ हुए 58 हजार करोड़ रुपए के राफेल समझौते पर अपनी ऑडिट रिपोर्ट पूरी करने के कगार पर है। अगर सूत्रों पर विश्वास किया जाए तो राफेल समझौते पर ऑडिट का काम अगले कुछ दिनों में पूरा होने की सम्भावना है और इसे शीघ्र ही रक्षा मंत्रालय को रिपोर्ट पर अंतिम टिप्पणी के लिए भेजा जाएगा। कुछ मामलों पर मंत्रालय की टिप्पणियां प्राप्त करने के बाद रिपोर्ट को अंतिम रूप दिया जाएगा। यह रिपोर्ट संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में सदन के पटल पर रखी जा सकती है बशर्ते अगर सब कुछ योजनाबद्ध ढंग से हुआ।
सूत्रों का कहना है कि यह रिपोर्ट राफेल समझौते की कीमतों संबंधी होगी न कि विस्तृत प्रक्रिया बारे। सूत्रों ने यह भी दावा किया कि राफेल सौदे के सभी पहलुओं पर ऑडिट कर रहा है जिसमें प्रक्रिया की खामियां और वित्तीय नफा और नुक्सान भी शामिल हैं। कैग अपनी रिपोर्ट में कुछ सकारात्मक कदम उठाने के भी सुझाव दे सकता है जो राफेल समझौते को अंतिम रूप देने दौरान अपनाए जा सकते थे।
राफेल समझौता सरकार और विपक्ष के बीच राजनीतिक जंग का अखाड़ा बना हुआ है। अगर कैग की रिपोर्ट में सरकार विरोधी टिप्पणियां हुईं तो यह विपक्ष के लिए एक बड़ा बारूद होगा। रोचक बात यह है कि संसद का शीतकालीन सत्र 5 राज्यों में विधानसभा चुनावों के बाद शुरू होगा इसलिए रिपोर्ट का उन नतीजों पर कोई असर नहीं पड़ेगा।