उद्यमियों को जंग ने दिलाया भरोसा

Edited By ,Updated: 29 Jan, 2016 03:55 PM

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दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग ने दिल्ली के उद्यमियों को राहत देने का वादा किया है। दिल्ली के उद्यमियों ने आज कुछ सेवा गतिविधियों को दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए)

नई दिल्लीः दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग ने दिल्ली के उद्यमियों को राहत देने का वादा किया है। दिल्ली के उद्यमियों ने आज कुछ सेवा गतिविधियों को दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) के मास्टर प्लान की उद्योग सूची में जोडऩे के संबंध में जंग से मुलाकात की। उद्यमियों ने उप राज्यपाल से नगर निगम द्वारा फैक्टरी लाइसेंस खत्म करने के फैसले को अंतिम मंजूरी दिलाने की अपील की।

उप राज्यपाल के साथ बैठक में मौजूद पटपडग़ंज एफआईई आंत्रप्रेन्योर एसोसिएशन के महासचिव एस के माहेश्वरी ने बताया कि डीडीए की मौजूदा उद्योग सूची में ज्ञान, उच्च तकनीक समेत कई ऐसे सेवा आधारित उद्योग शामिल नहीं हैं, जो दिल्ली सरकार की औद्योगिक नीति और केंद्रीय सूक्ष्म, लघु व मझोले उपक्रम (एमएसएमई) की सूची में शामिल हैं। उद्यमियों ने उप राज्यपाल से इन सेवा उद्योगों को डीडीए मास्टर प्लान की उद्योग सूची में शामिल करने की मांग की, जिस पर उप राज्यपाल ने जल्द निर्णय करने की बात कही। एपेक्स चैंबर ऑफ कॉमर्स ऐंड इंडस्ट्री पूर्वी दिल्ली के चेयरमैन संजय गौर ने कहा कि इन उद्योगों डीडीए की तकनीकी समिति पहले मंजूरी दे चुकी है। चूंकि उपराज्यपाल डीडीए के चेयरमैन हैं, लिहाजा अब उनके आश्वासन के बाद इसे मंजूरी मिलने की उम्मीद जगी है। 

उद्यमियों ने उप राज्यपाल से नगर निगम द्वारा पिछले साल खत्म किए गए फैक्टरी लाइसेंस को दिल्ली सरकार द्वारा पास कराकर केंद्रीय गृह मंत्रालय भिजवाने का आग्रह किया। माहेश्वरी ने कहा कि उप राज्यपाल से कन्फर्मिंग और प्लांड औद्योगिक क्षेत्रों में एफएआर बढ़ाने व मिश्रित भू उपयोग में बदलाव का आग्रह भी किया। डीडीए मास्टर प्लान की उद्योग सूची में उद्यमियों ने मौजूदा औद्योगिक क्षेत्रों में सॉफ्टवेयर, आईटी सेवा, आईटीईएस, मीडिया, रिसर्च ऐंड डेवलपमेंट ऐंड डिजाइन, बिजनेस सर्विस, शिक्षा सर्विस, पैकेजिंग, इलेक्ट्रॉनिक गुड्स व बिजली वितरण सेवाएं, टीवी सर्विस और रिपेयरिंग, ट्रांसपोर्ट सर्विस, गोदाम, कोल्ड स्टोर सर्विस, ट्रेनिंग कम इनक्यूबेटर सेंटर, सैनिटेशन सर्विस आदि क्षेत्रों की सेवाओं को उद्योग का दर्जा देने की सिफारिश की है। इसे मंजूरी मिलने से उद्यमियों को कन्वर्जन शुल्क नहीं भरने के साथ इन पर निगम द्वारा सीलिंग करने से राहत मिलेगी। इन क्षेत्रों के तहत बीपीओ, कॉल सेंटर, वोकेशनल ट्रेनिंग सेंटर, टूरिज्म व ट्रैवल, कानूनी सेवाएं आदि आती हैं।

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