कॉल सेंटर घोटाला: शिकार फंसाने के लिए सर्च साइटों का किया गया इस्तेमाल

Edited By ,Updated: 21 Oct, 2016 04:24 PM

call center racket

हाल में पर्दाफाश हुए करोड़ों रुपए के कॉलसेंटर रैकेट में घोटालेबाजों के नाम और पत्ते उपलब्ध करने वाली सुविदित सर्च वेबसाइटों का इस्तेमाल अपने अवैध धंधे के तहत संभावित शिकार की भुगतान की क्षमता का पता लगाने के लिए कर रहे थे।

मुंबई: हाल में पर्दाफाश हुए करोड़ों रुपए के कॉलसेंटर रैकेट में घोटालेबाजों के नाम और पत्ते उपलब्ध करने वाली सुविदित सर्च वेबसाइटों का इस्तेमाल अपने अवैध धंधे के तहत संभावित शिकार की भुगतान की क्षमता का पता लगाने के लिए कर रहे थे।  अपनी जांच के बाद पुलिस ने बताया कि एक साथ कई लोगों को इंटरनेट आधारित कॉल किया जाता था और संभावित शिकारों को यह फोन सुनाया जाता था एवं और उन्हें धमकाया जाता था। एक साथ कई लोगों को फोन किया जाना तकनीकी शब्दावली में ‘ब्लास्टिंग’ कहा जाता है। एक पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘‘कुछ शिकार इससे डर जाते थे और वे पलटकर फोन करते थे। जब पलटकर फोन आता था तब कॉल सेंटर के कार्यकारी उसकी भुगतान क्षमता को समझने के लिए उसके नंबर के माध्यम से वेबसाइटों (जिनपर लोगों के नाम, पते और अन्य ब्योरे होते थे) पर सर्फिंग करता था।’’

अधिकारी ने बताया कि उच्च भुगतान क्षमता वालों का अन्य के संदर्भ में प्राथमिकीकरण किया जाता था और कॉलसेंटर एजेंट उसे गहरी बातचीत में उलझाकर यह तय करता था कि उसे कितना भुगतान करना है। अधिकारी ने कहा, ‘‘जांच के दौरान खुलासा हुआ कि घोटाले के सूत्रधार सागर ठक्कर उर्फ शैग्गी और उसके साथी अहमदाबाद से वीआेआईपी कॉल ब्लास्ट करते थे।’’  उन्होंने बताया कि ये कॉल डायरेक्ट इनवार्ड डायलिंग (डीआईडी) के माध्यम से किए जाते थे। डीआईडी में एक सॉफ्टवेयर की मदद से एक साथ 10 अमेरिकी नागरिकों को कॉल मिल सकता था।

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!