Edited By Monika Jamwal,Updated: 20 Jul, 2018 09:19 PM
अधिकतर समय तनाव और आतंकी गतिविधियों का सामना करने वाली जम्मू-कश्मीर पुलिस ने एक ऐसी युक्ति अपनाने पर विचार किया है जिससे वह आरोपियों के बारे में मौके पर ही सबूत जुटा पाएंगी साथ ही यह उपाय अपराधियों पर नजर रखने के लिए वह बहुत कारगर साबित होगा।
श्रीनगर : अधिकतर समय तनाव और आतंकी गतिविधियों का सामना करने वाली जम्मू-कश्मीर पुलिस ने एक ऐसी युक्ति अपनाने पर विचार किया है जिससे वह आरोपियों के बारे में मौके पर ही सबूत जुटा पाएंगी साथ ही यह उपाय अपराधियों पर नजर रखने के लिए वह बहुत कारगर साबित होगा। जम्मू-कश्मीर पुलिस अपने जवानों की वर्दी में कैमरा लगाकर हाईटेक होने जा रही है। इस प्रस्ताव पर काम किया जा रहा है। पुलिस अधिकारियों का कहना है इसके लिए जवानों को स्पेशल ट्रेनिंग भी दी जा रही है।
अपनी सुरक्षा को मजबूत करने और पारदर्शिता बढ़ाने के उदेश्य से जम्मू-कश्मीर पुलिस हाईटेक होने जा रही है। विभाग ने हर पुलिसकर्मी की वर्दी में कैमरे लगाने विचार कर रही हैए ताकि वे अपनी आत्मरक्षा कर सकें और काम में पारदर्शिता ला सकें। पुलिस महानिदेशक एस.पी वैद ने कहा कि पहले यह उपकरण कानून-व्यवस्था और यातायात कर्तव्यों में लगे कर्मियों को प्रदान किए जाएंगे। उद्देश्य को समझाते हुए कश्मीर पुलिस महानिरीक्षक (आई.जी.) एस.पी पानी ने कहा कि कैमरे को वर्दी पर इस प्रकार लगाया जाएगा कि नागरिकों और कानून के बीच पुल का कम करे।
जवाबदेही पैदा करने का कदम
पानी ने कहा कि यह उपकरण नागरिक के साथ अच्छे संबंध बनाने में एक कदम है। इस उपकरण के उद्देश्य सुरक्षाबलों के भीतर उत्तरदायित्व में वृद्धि करना है। हम इसका इस्तेमाल करने के लिए अपने लडक़ों को प्रशिक्षण दे रहे हैं।
कुपवाड़ा घटना के बाद लिया गया फैसला
पुलिस अधिकारियों का कहना हैं कि पुलिस जवानों की वर्दी पर यह कैमरा लगने के बाद से राज्य की सुरक्षा व्यवस्था और भी मजबूत होगी। हां एक और राज्य की पुलिस अपना तकनीकि पक्ष मजबूत करने की बात कर रही है, वहीं एक ऐसा मामला सामने आया जिसमे आक्रोशित भीड़ द्धारा एक कांस्टेबल को बंधी बना लिया गया और बाद में जवान को छुड़वाने के लिए भारी पुलिस बल को मौके पर भेजा गया। यह मामला कुपवाड़ा से सामने आया जहां पर नदी किनारे एक नाबालिग की अधजली लाश मिलने से गुस्साएं लोगों ने मौके पर मौजूद कांस्टेबल को बंधक बना लिया। उसके बाद भारी पुलिस जाब्ता वहां पहुंचा जिसने कांस्टेबल को मुक्त करवाया। इस दौरान पुलिस को लाठीचार्ज भी करना पड़ा।