Edited By Punjab Kesari,Updated: 05 Aug, 2017 12:45 PM
अब रेप के आरोपियों के पीड़िता से शादी करने से उनका गुनाह खत्म नहीं होगा।
नई दिल्ली: अब रेप के आरोपियों के पीड़िता से शादी करने से उनका गुनाह खत्म नहीं होगा। एेसे ही एक मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने एक व्यक्ति के खिलाफ बलात्कार के आरोपों को खारिज करने से इंकार कर दिया। कोर्ट का कहना था कि यह समाज के खिलाफ अपराध है।
न्यायमूर्ति प्रतिभा रानी ने एक व्यक्ति की याचिका पर आदेश पारित किया है जिसने एक महिला से बार-बार बलात्कार करने, उसे चोट पहुंचाने और उसे आपराधिक धमकी देने के लिए दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग की।
कोर्ट ने कहा, कानून के मुताबिक बलात्कार के आरोपों में दर्ज एफआईआर पर होने वाली कार्रवाई को सीआरपीसी के तहत इस अदालत के शक्तियों का पालन करते हुए नहीं रोका जा सकता, भले ही व्यक्ति ने शिकायतकर्ता महिला से शादी कर ली है क्योंकि यह समाज के खिलाफ अपराध है।
आरोपी 20 मई से अंतरिम जमानत पर है। उसने हाईकोर्ट से अपील की थी कि इस आधार पर उसके खिलाफ मामले को रद्द कर दे कि महिला और उसके बीच शुरू से ही सहमति से शारीरिक संबंध बने और उन्होंने इस साल मई में शादी कर ली। उसने कहा है कि नवम्बर 2016 में दर्ज मामला महत्वहीन है और गलतफहमी के कारण दर्ज हुआ है इसलिए इसे खारिज किया जाए।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक दोनों के बीच 2005 से संबंध रहे। बहरहाल जाति अलग होने के कारण परिजन इस संबंध के खिलाफ थे जिसके बाद व्यक्ति ने जुलाई 2012 में किसी और से शादी कर ली। बाद में 2015 में उसने अपनी पत्नी को तलाक दिया और फिर महिला के करीब आ गया।
उसने महिला को शादी का वादा कर उससे फिर से शारीरिक संबंध बना लिए, लेकिन वह एक बार फिर मुकर गया जिसके बाद महिला ने उसके खिलाफ बलात्कार के आरोप लगाए हैं।