उम्मीदवारों को परिवार के सदस्यों की सम्पत्ति का भी देना होगा ब्यौरा

Edited By Seema Sharma,Updated: 19 Mar, 2019 08:51 AM

candidates will also have to give details of property of family members

लोकसभा चुनाव में उम्मीदवारों को अपने शपथ पत्र में चुनाव आयोग समक्ष अपने संयुक्त परिवार की संपत्ति सहित कुछ अतिरिक्त जानकारियां भी देनी होंगी। आयोग द्वारा उम्मीदवारों के लिए शपथ पत्र से संबंधित फार्म 26 में संशोधन कर जोड़े गए नए

नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव में उम्मीदवारों को अपने शपथ पत्र में चुनाव आयोग समक्ष अपने संयुक्त परिवार की संपत्ति सहित कुछ अतिरिक्त जानकारियां भी देनी होंगी। आयोग द्वारा उम्मीदवारों के लिए शपथ पत्र से संबंधित फार्म 26 में संशोधन कर जोड़े गए नए उपबंधों तहत संयुक्त परिवार वाले उम्मीदवार को परिवार के सभी सदस्यों की संपत्ति का ब्यौरा देना होगा। इससे पहले उम्मीदवार को सिर्फ अपने परिजनों (पत्नी और बच्चों) की संपत्ति का ब्यौरा देना होता था। आयोग ने 17वें लोकसभा चुनाव के लिए संशोधित फार्म 26 में अब संयुक्त परिवार वाले उम्मीदवारों को अपने शपथ पत्र में परिवार के सभी सदस्यों की संपत्ति का ब्योरा देना अनिवार्य कर दिया है।

इसके अलावा उम्मीदवारों को शपथ पत्र में पिछले 5 सालों के आयकर का ब्योरा देना होगा। इसमें आय-व्यय और लेन-देन की भी जानकारी शामिल है। आयोग ने निर्वाचन नियम 1961 में संशोधन करते हुए फार्म 26 में इन उपबंधों को शामिल किया है। उम्मीदवारों के पास यदि विदेशों में कोई संपत्ति है तो उन्हें अपने शपथ पत्र में इसकी भी जानकारी देनी होगी। इसमें विदेशी बैंकों में निवेश और जमा राशि का ब्योरा भी शामिल है। अभी तक उम्मीदवारों को सिर्फ देश में मौजूद संपत्ति की ही जानकारी देनी पड़ती थी।

110 लोकसभा हलकों में धन-बल के प्रयोग पर चुनाव आयोग की नजर
देश में आम चुनाव की घोषणा के साथ ही चुनाव आयोग ने धन के प्रभाव को कम करने के तरीकों पर भी अमल शुरू कर दिया है। चुनाव आयोग की ताजा रिपोर्ट में देश भर में ऐसे 110 लोकसभा क्षेत्रों की पहचान की गई है जिनमें धन के प्रभाव के जरिए वोटरों को लुभाया जा सकता है। इनमें तमिलनाडु के सारे 39, आंध्र प्रदेश के 16, तेलंगाना के 17, बिहार के 21, गुजरात के 18, कर्नाटका के 12, उत्तराखंड के 4, जम्मू-कश्मीर के 2, हरियाणा व छत्तीसगढ़ के 3, गोवा का 1, राजस्थान के 5, पंजाब के 6 व झारखंड के 2 लोकसभा क्षेत्र भी धन के प्रभाव के लिहाज से संवेदनशील माने गए हैं। आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक देश भर में ऐसे लोकसभा हलकों की संख्या 150 के करीब पहुंच सकती है।
 

यह पहला मौका है जब चुनाव आयोग इन हलकों में एक की जगह 2 ऑब्जर्वर धन के खर्च का ब्यौरा रखने के लिए भेज रहा है। धन के प्रभाव को कम करने के लिए इलैक्शन कमीशन ने हाल ही में मल्टी डिपार्टमैंट इलैक्शन इंटैलीजैंस कमेटी का गठन किया है। यह कमेटी भी चुनाव दौरान होने वाले धन के प्रयोग पर नजर रखेगी और उसका सारा रिकार्ड जुटाएगी। चुनाव को लेकर राज्यों से आई रिपोर्ट में कहा गया है कि 112 लोकसभा क्षेत्रों में चुनाव दौरान उम्मीदवार और सियासी पार्टियां नकदी के अलावा ड्रग्स और शराब के इस्तेमाल के साथ-साथ लोगों को घरों में इस्तेमाल होने वाले सामान का लालच दे सकती हैं।

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