भारतीय इंजीनियर को एच-1बी वीजा देने से इंकार, अमेरिकी सरकार पर मुकदमा दर्ज

Edited By vasudha,Updated: 17 May, 2019 03:42 PM

case against us government sued for refusing to give h 1b visa to indian

सिलिकॉन वैली की एक आईटी कंपनी ने एक उच्च शिक्षित भारतीय पेशेवर को एच-1 बी वीजा देने से इनकार करने पर अमेरिकी सरकार के खिलाफ मुकदमा दायर किया है। कंपनी ने इस फैसले को मनमाना और अधिकारों का स्पष्ट दुरुपयोग बताया है...

वॉशिंगटन: सिलिकॉन वैली की एक आईटी कंपनी ने एक उच्च शिक्षित भारतीय पेशेवर को एच-1 बी वीजा देने से इनकार करने पर अमेरिकी सरकार के खिलाफ मुकदमा दायर किया है। कंपनी ने इस फैसले को मनमाना और अधिकारों का स्पष्ट दुरुपयोग बताया है। 
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जेट्रा सॉल्यूशंस ने अपने मुकदमे में आरोप लगाया है कि अमेरिकी नागरिकता एवं आव्रजन सेवा (यूएससीआईएस) ने प्रहर्ष चंद्र साई वेंकट अनीसेट्टी को अनुचित तरीके से एच-1 बी वीजा देने से मना किया है। उन्हें बिजनेस सिस्टम एनालिस्ट के रूप में नियुक्त किया गया था। इसमें कहा गया है कि वेंकट की तरफ से कंपनी के एच-1 बी वीजा आवेदन को इस आधार पर खारिज कर दिया कि वेंकट को जिस नौकरी की पेशकश की गयी है वह एच-1 बी वीजा के लिए पात्र नहीं है। 
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एच-1 बी वीजा विशेष योग्यता के कामों के लिए मिलता है। कंपनी ने अमेरिका की जिला अदालत से यूएससीआईएस के आदेश को निरस्त करने का आग्रह करते हुए कहा कि वीजा आवेदन को अमान्सय का पर्याप्त आधार नहीं दिए गया हैं और यह एक मनमाना तथा बिना सोचा समझा निर्णय है और यह प्राप्त अधिकारों का स्पष्ट दुरुपयोग है। 
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वेंकट के पास इंजीनियरिंग (इलेक्ट्रॉनिक्स एवं संचार इंजीनियरिंग) में स्नातक की डिग्री और टेक्सॉस विश्वविद्यालय से सूचना प्रौद्योगिकी एवं प्रबंधन में एमएससी की डिग्री है। उनके पास वर्तमान में पत्नी के जरिए वैध एच-4 आश्रित वीजा है। उनकी पत्नी के पास एच-1 बी वीजा है। 
 

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