Edited By Yaspal,Updated: 02 Dec, 2019 09:16 PM
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने नाणार रिफाइनरी परियोजना के खिलाफ आंदोलन करने वाले प्रदर्शनकारियों के खिलाफ दर्ज मामलों को वापस लेने का आदेश दिया है। इससे पहले रविवार को मुंबई की आरे कॉलोनी में पेड़ काटने का विरोध जताने पर...
नेशनल डेस्कः महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने नाणार रिफाइनरी परियोजना के खिलाफ आंदोलन करने वाले प्रदर्शनकारियों के खिलाफ दर्ज मामलों को वापस लेने का आदेश दिया है। इससे पहले रविवार को मुंबई की आरे कॉलोनी में पेड़ काटने का विरोध जताने पर पर्यावरणविदों के खिलाफ दर्ज मामले वापस लेने का एलान किया था। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को इस संबंध में कार्रवाई के लिए कहा गया है।
उद्धव सरकार पहले ही मेट्रो के कारशेड प्रोजेक्ट पर रोक लगा चुकी है। सरकार में आने से पहले भी शिव सेना ने इस प्रोजेक्ट के लिए पेड़ों की कटाई का विरोध किया था। उद्धव ठाकरे और उनके बेटे आदित्य ठाकरे ने इस मामले पर भाजपा से अलग राय रखी थी जबकि उस समय दोनों गठबंधन में थे।
वहीं चर्चा इस बात की भी है कि शिवसेना-कांग्रेस-एनसीपी की नई सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन के ड्रीम प्रोजेक्ट को झटका दे सकती है।
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि उन्होंने मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन समेत राज्य में चल रही सभी विकास परियोजनाओं की समीक्षा के आदेश दिए हैं। बुलेट ट्रेन परियोजना को किसानों और आदिवासियों के कड़े विरोध का सामना करना पड़ा जिनकी भूमि अधिग्रहित की जानी है। उन्होंने ने पत्रकारों से कहा, ‘यह सरकार आम आदमी की है। हम बुलेट ट्रेन (परियोजना) की समीक्षा करेंगे।
ठाकरे ने बताया कि उनकी सरकार राज्य की वित्तीय स्थिति पर श्वेत पत्र भी लाएगी। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार जिस पर करीब पांच लाख करोड़ रुपये का कर्ज है वह किसानों का बिना शर्त कर्ज माफ करने को लेकर प्रतिबद्ध है।ठाकरे ने कहा कि भाजपा नीत सरकार की जो प्राथमिकताएं थीं, उन्हें हटाया नहीं गया है। उन्होंने कहा कि इसमें प्रतिशोध की राजनीति नहीं है।