2009 ट्रेनर विमान घोटाला: CBI ने अज्ञात वायुसेना के अधिकारी के खिलाफ मामला किया दर्ज

Edited By vasudha,Updated: 22 Jun, 2019 07:10 PM

cbi filed case on iaf officials and swiss company

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने वर्ष 2009 के 75 पिलैटस बेसिक ट्रेनर विमान खरीदे जाने से संबंधित सौदे में कथित भ्रष्टाचार को लेकर भारतीय वायुसेना, रक्षा मंत्रालय के एक अज्ञात अधिकारी तथा विवादास्पद हथियार डीलर संजय भंडारी के खिलाफ मामला दर्ज किया...

नेशनल डेस्क:  केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने भारतीय वायुसेना के लिये वर्ष 2009 में लगभग 2895 करोड़ रुपयों की लागत से 75 पिलैटस बेसिक ट्रेनर विमान खरीदे जाने से संबंधित सौदे में कथित भ्रष्टाचार को लेकर विवादास्पद हथियार कारोबारी संजय भंडारी के खिलाफ मामला दर्ज किया है। अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई ने सौदे के संबंध में भंडारी के आवास और कार्यालय में छापेमारी भी की। एजेंसी ने फिलहाल और ठिकानों पर छापेमारी से संबंधित विवरण नहीं दिया है।
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यह कार्रवाई सीबीआई द्वारा तीन साल पुरानी जांच के नतीजों के बाद की गई जिसमें आरोपी के खिलाफ प्रथम दृष्टया भ्रष्टाचार का मामला पाया गया। जांच एजेंसी ने भारतीय वायुसेना, रक्षा मंत्रालय के एक अज्ञात अधिकारी के साथ ही स्विटजरलैंड स्थित पिलैटस एयरक्राफ्ट लिमिटेड के अनाम अधिकारियों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया है। अधिकारियों ने बताया कि स्विस कंपनी 2009 में मांगी गई निविदाओं के लिये आवेदकों में से एक थी। सीबीआई ने आरोप लगाया कि कंपनी ने ऑफसेट इंडिया सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड के निदेशकों भंडारी और बिमल सरीन के साथ मिलकर आपराधिक साजिश रची और भंडारी के साथ जून 2010 में बेईमानी और धोखे से एक सेवा प्रदाता समझौते पर हस्ताक्षर किये, जो रक्षा खरीद प्रक्रिया, 2008 का उल्लंघन था। यह कथित तौर पर भारतीय वायुसेना को 75 प्रशिक्षण विमानों की आपूर्ति के ठेके के लिये किया गया।
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एजेंसी ने आरोप लगाया कि कंपनी ने ऑफसेट इंडिया सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड के खाते में 10 लाख स्विस फ्रैंक का भुगतान किया। यह रकम अगस्त और अक्टूबर 2010 में नयी दिल्ली के स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक के खाते में अदा की गई थी। इसके अलावा भंडारी की ही दुबई स्थित कंपनी ऑफसेट इंडिया सॉल्यूशंस एफजेडसी के बैंक खातों में 2011 से 2015 के बीच 350 करोड़ रुपये मूल्य के स्विस फ्रैंक का भुगतान किया गया। जांच में पाया गया कि पिलैटस ने कथित तौर पर भारत और दुबई में भंडारी की कंपनी को अदा की गई रकम की बात छिपाई।

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अधिकारियों ने कहा कि संदेह है कि इस रकम का इस्तेमाल खरीद के लिये भारतीय वायुसेना, रक्षा मंत्रालय और सरकारी अधिकारियों को प्रभावित करने के लिये किया गया था। पिलैटस को 24 मई 2012 को 2895.63 करोड़ रुपये का यह करार मिला था। भंडारी के अलावा सीबीआई ने उसकी कंपनियों ऑफसेट इंडिया सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड, ऑफसेट इंडिया सॉल्यूशंस एफजेडसी समेत कुछ और लोगों के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत आपराधिक साजिश और धोखाधड़ी के प्रावधानों में मामला दर्ज किया गया है। 

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