PMO ने कसे CBI अफसरों के पेच

Edited By Anil dev,Updated: 23 Oct, 2018 01:25 PM

cbi pmo narendra modi devendra kumar

सीबीआई में चल रही अंदरूनी उठापटक के परिणामस्वरूप पीएमओ को खुद दखलंदाजी करनी पड़ी है। बताया जाता है कि रविवार को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल की रिपोर्ट के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विवाद के केंद्र में चल रहे दोनों अधिकारियों को तलब...

नई दिल्ली,(संजीव यादव): सीबीआई में चल रही अंदरूनी उठापटक के परिणामस्वरूप पीएमओ को खुद दखलंदाजी करनी पड़ी है। बताया जाता है कि रविवार को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल की रिपोर्ट के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विवाद के केंद्र में चल रहे दोनों अधिकारियों को तलब किया। जिसके बाद तत्काल सीबीआई को पीएमओ द्वारा फैक्स से सूचित किया गया कि राकेश अस्थाना के सभी अधिकारों को फ्रीज कर दिया जाए। उन्हें कुछ दिनों के लिए फोर्स लीव पर भी भेजा गया है। पीएमओ ने आलोक वर्मा पर सख्ती दिखाई है। जिसके तहत उन्हें फिलहाल उन सभी जांचों से दूर रहने के लिए कहा गया है जिनकी जांच विशेष निदेशक राकेश अस्थाना और उनकी एसआईटी टीम देख रही थी। इसके अलावा आलोक वर्मा जो कि हाल में विदेश में होने वाली कॉन्फ्रेंस में जाने वाले थे उस पर रोक लगाई गई है। 

डिप्टी एसपी देवेन्द्र कुमार को कर लिया गया था गिरफ्तार
यूं भी कहा जा सकता है कि सीबीआई में नंबर वन की हैसियत से काम करने वाले आलोक वर्मा अधिकारों की जंग में बाजी मार ले गए हैं। पीएमओ के हस्तक्षेप के बाद राकेश अस्थाना के खिलाफ जांच की अनुमति दे दी गई है। नंबर 1 और नंबर 2 के चल रहे विवाद और हाल में 2 करोड़ की रिश्वत के लगे आरोपों के बाद सरकार की छवि धूमिल होते देख पीएमओ ने सख्त निर्णय लिए। जानकारी के मुताबिक अस्थाना के खिलाफ सोमवार को पीएमओ मेंं भी कुछ सबूत पेश किए गए और बताया गया कि किस तरह से रिश्वत को लिया गया और इसमें किन किन लोगों की भूमिका है। जिसके बाद तत्काल ही मांस कारोबारी मोइन कुरेशी की जांच देख रहे डिप्टी एसपी देवेन्द्र कुमार को गिरफ्तार कर लिया गया। इस बारे में सीबीआई अधिकारियों ने बताया कि अब जो सबूत सामने आए हैं उसके तहत ये साफ हो गया है कि राकेश अस्थाना के नेतृत्व में बनी एसआईटी ने मोइन केस में सना को राहत देने की पूरी कोशिश की, यही नहीं वह जब दिल्ली में भी नहीं था तो उसके यहां पर बयान तक दर्ज दिखाए गए।

रॉ अधिकारी सामंत कुमार गोयल भी फंसे
सीबीआई ने साफ कर दिया है कि रॉ अधिकारी सामंत कुमार गोयल जो कि पंजाब कैडर से हैं, उन्होंने इस रिश्वत में अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने ही मनोज प्रसाद नामक पैंडलर को सबसे पहले सतीश बाबू सना के पास भेजा था, और सना से बात भी की थी। इस मामले की जांच एक ज्वाइंट निदेशक स्तर के अधिकारी को दी गई है साथ ही सामंत कुमार गोयल को प्रारंभिक जांच में आरोपी के तौर पर अब जोड़ दिया गया है। 

सीबीआई के डिप्टी एसपी गिरफ्तार, घर पर छापा
सीबीआई प्रवक्ता ने बताया कि एसआईटी ने डिप्टी एसपी देवेंद्र कुमार को गिरफ्तार किया है। ये गिरफ्तारी विशेष निदेशक राकेश अस्थाना, एजैंसी के अधिकारी देवेंद्र कुमार, रिश्वत देने में भूमिका निभाने वाले मनोज प्रसाद और उसके भाई सोमेश के खिलाफ 15 अक्तूबर को दर्ज मामले में की गई है। इससे पहले सीबीआई मनोज प्रसाद नामक पैंडलर को गिरफ्तार कर चुकी है। गिरफ्तारी के बाद देवेंद्र के दिल्ली स्थित आवास पर छापेमारी भी की गई जहां से विभाग से संबंधित कई संदिग्ध दस्तावेज भी एजैंसी ने बरामद किए हैं। 

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