बैंक फ्रॉड के भगोडों के लिए जारी लुकआउट नोटिस की जारी देने से सीबीआई का इनकार

Edited By Yaspal,Updated: 28 Jul, 2019 08:14 PM

cbi refuses to issue notice issued notice for bank breaks

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने सूचना के अधिकार कानून के तहत उन लुकआउट सर्कुलर (एलओसी) की संख्या बताने से इनकार कर दिया है जो उसने 2014 और 2019 के बीच बैंक और वित्तीय धोखाधड़ी मामलों में आरोपियों को...

नई दिल्लीः केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने सूचना के अधिकार कानून के तहत उन लुकआउट सर्कुलर (एलओसी) की संख्या बताने से इनकार कर दिया है जो उसने 2014 और 2019 के बीच बैंक और वित्तीय धोखाधड़ी मामलों में आरोपियों को पकड़ने के लिए जारी किये हैं। सीबीआई ने कहा कि इससे जारी जांच पर प्रभाव पड़ सकता है।

सूचना मांगने वाले एक आरटीआई आवेदनकर्ता के अनुसार जांच एजेंसी ने स्वयं द्वारा एलओसी जारी करने के बाद सक्षम प्राधिकारियों की ओर से प्राप्त आदेशों की जानकारी भी देने से इनकार कर दिया। सीबीआई ने इसके लिए आरटीआई कानून की धारा 8(1) (एच) का उल्लेख किया जो ऐसी सूचना मुहैया कराने से उसे छूट प्रदान करता है जो किसी आरोपी की गिरफ्तारी या अभियोजन पर प्रतिकूल असर डाल सकती है।

यह जवाब पुणे के आरटीआई कार्यकर्ता विहार दुर्वे की ओर से सीबीआई, विदेश मंत्रालय और वित्त मंत्रालय में आरटीआई अर्जी दायर करने के बाद आया है। उक्त अर्जी के माध्यम से बैंक धोखाधड़ी के फरार आरोपियों के खिलाफ जांच के संबंध में जानकारी मांगी गई थी। दुर्वे ने पीटीआई-भाषा से कहा कि एजेंसी द्वारा अपने अधिकारियों द्वारा भगोड़ों को वापस लाने के लिए कानूनी और यात्रा सेवाओं पर किए गए खर्च के संबंध में कोई जानकारी नहीं दी गई।

आरटीआई कानून में मिली हुई है छुट्टी
आवेदनकर्ता ने कहा कि सीबीआई ने जहां धारा 8 (1) (एच) और आरटीआई कानून की धारा 24 के तहत खुलासे से छूट का उल्लेख किया, विदेश मंत्रालय ने उसकी अर्जी गृह मंत्रालय को भेजते हुए कहा कि मामला आव्रजन ब्यूरो से उसके अधिकार क्षेत्र के तहत जुड़ा हुआ है। आव्रजन ब्यूरो गुप्तचर ब्यूरो की एक इकाई है जिसे आरटीआई कानून के पारदर्शी प्रावधानों से छूट प्राप्त है जबतक कि आवेदनकर्ता भ्रष्टाचार और मानवाधिकार उल्लंघनों के आरोपों से जुड़ी कोई सूचना नहीं मांगता।

दुर्वे ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘मैंने वित्त मंत्रालय से 2014..2019 में बैंक ऋण चूककर्ता भगोड़ों की संख्या मांगी थी लेकिन मंत्रालय की ओर से मुझे कोई सूचना नहीं दी गई।'' दुर्वे ने कहा कि सीबीआई ने उनके सवालों पर कोई जानकारी नहीं दी जिसमें यह पूछा गया था कि एजेंसी को कुल कितने भगोड़ों की तलाश है, उसके द्वारा प्राप्त कुल डिफ़ॉल्ट राशि, भगोड़ों को वापस लाने में उसके द्वारा कानूनी कार्रवाई और यात्रा पर कितना व्यय किया गया।

लुकआउट नोटिस कमजोर करने के बारे में भी सूचना मांगी थी
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने लुकआउट नोटिस को कमजोर करने के बारे में भी सूचना मांगी थी जिसमें गिरफ्तारी से महज सूचना देने की बात कही गई थी लेकिन उस पर भी एजेंसी द्वारा कोई जानकारी नहीं दी गई।'' सरकार ने गत वर्ष मार्च में संसद में कहा था कि हीरा कारोबारी नीरव मोदी, मेहुल चोकसी, जतिन मेहता और शराब कारोबारी विजय माल्या सहित 31 भगोड़े उद्योगपति सीबीआई जांच का सामना कर रहे हैं।

सरकार ने कहा था कि सीबीआई को जिनकी तलाश है उनमें विजयकुमार रेवाभाई पटेल, सुनील रमेश रूपाणी, पुष्पेश कुमार बैद, सुरेंद्र सिंह, अंगत सिंह, हरसाहिब सिंह, हरलीन कौर, आशीष जोबनपुत्रा, निशल मोदी, चेतन जयंतिलाल संदेसरा और दीप्ति चेतन संदेसरा शामिल हैं। उसने कहा था कि विदेश मंत्रालय को माल्या, जोबनपुत्रा, बैद, संजय कालरा, वर्षा कालरा और आरती कालरा के प्रत्यर्पण अनुरोध सीबीआई से मिले हैं जिसे संबंधित देशों को विचारार्थ भेजा गया है।

 

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