Edited By Anu Malhotra,Updated: 09 Dec, 2021 10:17 AM
तमिलनाडु में बुधवार को सेना के एक हेलीकॉप्टर हादसे में प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत की पत्नी समेत 13 लोगों की मृत्यु हो गई। जिससे पूरे देश में शोक की लहर है। जानकारी के मुताबिक, जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी का पार्थिव शरीर आज...
नेशनल डेस्क: तमिलनाडु में बुधवार को सेना के एक हेलीकॉप्टर हादसे में प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत की पत्नी समेत 13 लोगों की मृत्यु हो गई। जिससे पूरे देश में शोक की लहर है। जानकारी के मुताबिक, जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी का पार्थिव शरीर आज दिल्ली छावनी लाया जाएगा और शुक्रवार को अंतिम संस्कार किया जाएगा। इनके पार्थिव शरीर को आज एक सैन्य विमान से राष्ट्रीय राजधानी पहुंचाया जाएगा।
वहीं दूसरी तरफ, जनरल बिपिन रावत के उत्तराखंड स्थित पैतृक गांव सैणा में रहने वाले चाचा भरत सिंह रावत भी इस घटना से बेहद अफसोस है कि उनके भतीजे की अगले साल अप्रैल में यहां आने और मकान बनाने की हसरत अधूरी रह गई। बता दें कि उत्तराखंड के पौड़ी जिले के इस छोटे से पैतृक सैणा गांव में केवल उनके चाचा का ही परिवार रहता है। सैणा गांव में कुल तीन मकान हैं, जिनमें से एक में उनका परिवार रहता है, जबकि दो अन्य खाली पडे़ हैं।
जनरल बिपिन रावत की अधूरी रह गई यह हसरतें
आंखों में आंसूओं के साथ जनरल बिपिन रावत के चाचा भरत सिंह रावत (70) ने बताया कि वह अपने गांव और घर से काफी लगाव था और बीच-बीच में वह उनसे फोन पर भी बात किया करते थे। जनरल रावत ने अपने चाचा को बताया था कि वह अप्रैल 2022 में फिर गांव आएंगे। उन्होंने बताया कि प्रमुख रक्षा अध्यक्ष अपने पैतृक गांव में एक मकान भी बनाना चाहते थे। आंखों से बहते आंसुओं को पोंछते हुए रावत ने कहा कि उन्हें क्या पता था कि उनके भतीजे की हसरतें अधूरी रह जाएंगी।
गरीबों के प्रति बड़े दयालु थे बिपिन रावत
जनरल रावत के निधन की सूचना मिलने के बाद से उनके पैतृक गांव में गमगीन माहौल है और उनके चाचा, चाची, चचेरा भाई और उनकी पत्नी सब बेहद शोक्ड में है। आसपास के गांवों से सांत्वना देने पहुंचे लोगों की आंखें भी नम हैं। उन्होंने बताया कि बिपिन गरीबों के प्रति बड़े दयालु थे और बार-बार उनसे कहते थे कि सेवानिवृत्त होने के बाद वह अपने क्षेत्र के गरीबों के लिए कुछ करेंगे ताकि उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत हो सके।