रविदास मंदिर को भूमि देने पर केंद्र लाए अध्यादेश: केजरीवाल

Edited By Pardeep,Updated: 23 Aug, 2019 05:10 AM

center brings ordinance on giving land to ravidas temple kejriwal

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि केंद्र सरकार रविदास मंदिर को 4-5 एकड़ भूमि देने के लिए अध्यादेश जारी करे। उन्होंने कहा कि भूमि वहीं होनी चाहिए, जहां संत रविदास का मंदिर तोड़ा गया है। अगर केंद्र सरकार अध्यादेश जारी कर इस भूमि को रविदास समाज...

नई दिल्ली: मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि केंद्र सरकार रविदास मंदिर को 4-5 एकड़ भूमि देने के लिए अध्यादेश जारी करे। उन्होंने कहा कि भूमि वहीं होनी चाहिए, जहां संत रविदास का मंदिर तोड़ा गया है। अगर केंद्र सरकार अध्यादेश जारी कर इस भूमि को रविदास समाज को सौंप देती है तो दिल्ली सरकार वहां संत रविदास का भव्य मंदिर बनाएगी। मुख्यमंत्री वीरवार को केंद्र सरकार की एजेंसी डीडीए द्वारा तुगलकाबाद में ऐतिहासिक गुरु रविदास मंदिर को गिराने को लेकर सदन में हुई चर्चा का जवाब दे रहे थे। 

मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार और डीडीए ने सुप्रीम कोर्ट में सही तथ्य नहीं रखा, जिसकी वजह से सुप्रीम कोर्ट में रविदास समाज को न्याय नहीं मिल पाया। मुख्यमंत्री के भाषण के दौरान विपक्षी भाजपा के विजेंद्र गुप्ता व ओपी शर्मा ने हंगामा करने की कोशिश की। इससे नाराज स्पीकर रामनिवास गोयल ने मार्शलों के जरिए दोनों विधायकों को सदन से बाहर निकाल दिया। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि संत रविदास महाराज जी तुगलकाबाद के उसी इलाके में कुछ दिनों तक ठहरे थे जहां मंदिर को गिराया गया है। ऐसे में दूसरी जगह इस मंदिर के लिए भूमि लेने का सवाल ही पैदा नहीं होता। उन्होंने कहा कि पूरे देश में 12 से 15 करोड़ लोग रविदास समाज से आते हैं। मंदिर गिराने के चलते इन लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं। उन्होंने कहा कि अब 2 ही तरीके से इसका रास्ता निकल सकता है। एक ये कि केंद्र सरकार अध्यादेश जारी कर 4-5 एकड़ भूमि को रविदास समाज को सौंप दे या सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पीटीशन दाखिल कर करोड़ों लोगों की भावनाओं का हवाला देकर कहे कि भूमि रविदास समाज को सौंप दी जाए। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस 4-5 एकड़ भूमि को केंद्र सरकार रविदास समाज को सौंप दे और हम वहां भव्य मंदिर बनाएंगे,चाहे कितने भी पैसे खर्च हों। केजरीवाल ने कहा कि दलगत राजनीति से ऊपर उठकर सोचने की जरूरत है। क्योंकि जब यह मामला कोर्ट में चल रहा था तो पार्टी केंद्र सरकार, एलजी और डीडीए थी। इसमें दिल्ली सरकार पार्टी नहीं थी। उन्होंने यह भी कहा कि अगर केंद्र सरकार 4-5 एकड़ भूमि रविदास समाज को दे देती है तो इसके बदले में दिल्ली सरकार अच्छी तरह फारेस्ट विकसित करके 100 एकड़ भूमि केंद्र को देने को तैयार है। केजरीवाल ने कहा है कि संत रविदास का सभी जाति व धर्म के लोगों के बीच सम्मान है। 

उन्होंने एक ऐसे समाज की परिक्ल्पना की थी जिसमें सब बराबर हों और जात-पात का भेद न हो। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार भी उन्हीं के बताए रास्ते पर चल रही है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने इस महीने की शुरुआत में रविदास मंदिर को हटा दिया था। दलित प्रदर्शनकारी बुधवार को मंदिर तोडऩे के विरोध में सड़कों पर उतरे, जिससे दिल्ली के कई हिस्सों में यातायात की समस्या खड़ी हो गई थी। प्रदर्शनकारियों ने केंद्र सरकार से मंदिर के पुनर्निर्माण की मांग की है।

शीला, सुषमा, मांगेराम को दी श्रद्धांजलि
दिल्ली विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन पूर्व मुख्यमंत्री व दिल्ली की पहली मुख्यमंत्री सुषमा स्वराज, शीला दीक्षित को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। विधानसभा के सदस्य रहे सुशील चौधरी, मांगेराम गर्ग को भी सदन ने दो मिनट मौन रखकर श्रद्धांजलि दी। स्पीकर रामनिवास गोयल ने सुषमा स्वराज व शीला दीक्षित के सामाजिक व राजनीतिक कार्यों की प्रशंसा करते हुए बताया कि सुषमा स्वराज जहां दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री, केंद्र की विदेशी मामलों की मंत्री रहीं वहीं शीला दीक्षित ने भी अपने सौम्य व्यवहार से सभी राजनीतिक दलों में सम्मान पाया।  

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