मंकीपॉक्स का खतरा-'21 दिन का आइसोलेशन, तीन लेयर का मास्क पहनना जरूरी', केंद्र ने जारी किए दिशानिर्देश

Edited By Seema Sharma,Updated: 28 Jul, 2022 09:06 AM

center guidelines for monkeypox patients

मंकीपॉक्स के मरीजों और उनके संपर्क में आए लोगों के लिए केंद्र सरकार के नए दिशानिर्देश जारी किए हैं। केंद्र के दिशानिर्देशों में मंकीपॉक्स के मरीजों और उनके संपर्क में आए लोगों को 21 दिन आइसोलेशन, मास्क पहनना

नेशनल डेस्क: मंकीपॉक्स के मरीजों और उनके संपर्क में आए लोगों के लिए केंद्र सरकार के नए दिशानिर्देश जारी किए हैं। केंद्र के दिशानिर्देशों में मंकीपॉक्स के मरीजों और उनके संपर्क में आए लोगों को 21 दिन आइसोलेशन, मास्क पहनना, हाथ साफ रखना, घावों को पूरी तरह से ढककर रखना और उनके पूरी तरह से ठीक होने का इंतजार करना शामिल है। दिशानिर्देश मई में जारी किए गए थे और दिल्ली सरकार ने अपने अस्पतालों तथा 11 राजस्व जिलों को उनका पालन करने का निर्देश दिया था। 

 

भारत में मंकीपॉक्स के 4 केस

दिल्ली में 24 जुलाई को मंकीपॉक्स का एक और मामला सामने आया है जिससे देश में ऐसे संक्रमितों की कुल संख्या चार हो गई है। सूत्रों ने कहा कि अब तक दिल्ली के पहले मंकीपॉक्स मरीज के संपर्क में आए 14 लोगों की पहचान की गई है और उनमें से किसी को भी लक्षण नहीं दिखे हैं। उन्होंने कहा कि संपर्क में आए एक व्यक्ति को शरीर में दर्द की शिकायत हुई थी, लेकिन वह अब ठीक है और उसमें कोई लक्षण नहीं है। वहीं, मंकीपॉक्स के एक अन्य संदिग्ध मरीज को दिल्ली के लोक नायक जयप्रकाश (LNJP) अस्पताल में भर्ती कराया गया है और नमूने राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान, पुणे भेजे गए हैं। हालांकि अधिकारियों ने कहा कि घबराने की जरूरत नहीं है। मंकीपॉक्स, वायरस से होने वाला संक्रामक रोग है - जो जानवरों से मनुष्यों में फैलता है। इसके लक्षण चेचक जैसे होते हैं, हालांकि चिकित्सकीय रूप से यह उतना गंभीर नहीं होता है।

 

केंद्र के दिशा-निर्देशों में क्या

  • जो स्वास्थ्यकर्मी मंकीपॉक्स के रोगियों या संभावित रूप से दूषित सामग्री के असुरक्षित संपर्क में हैं, उन्हें लक्षणहीन होने पर ड्यूटी से बाहर रखने की जरूरत नहीं है, लेकिन 21 दिन के लिए निगरानी रखी जानी चाहिए। 
  • संक्रमित व्यक्ति को तीन लेयर वाला मास्क पहनना चाहिए
  • त्वचा के घावों को हरसंभव सीमा तक ढककर रखना चाहिए जिससे कि दूसरे लोगों के इसके संपर्क में आने का जोखिम कम हो सके। 
  • मरीजों को तब तक आइसोलेशन में रहना चाहिए जब तक कि सभी घाव ठीक नहीं हो जाते और पपड़ी पूरी तरह से गिर नहीं जाती। 
  • संपर्क की पहचान करने की प्रक्रिया के बारे में कहा कि कोई व्यक्ति जो संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आमने-सामने, सीधे शारीरिक संपर्क के माध्यम से आता है, या दूषित सामग्री जैसे कपड़े या बिस्तर के संपर्क में आता है, उसे प्राथमिक संपर्क के रूप में पहचाना जाता है। 

 

जिला स्तर पर भी निर्देश जारी

अधिकारी ने कहा, ‘‘जिला निगरानी दल संपर्क में आए लोगों से लक्षणों की स्वयं निगरानी करने और अधिकारियों के संपर्क में रहने को कहते हैं। मुख्य रूप से, संपर्क में आए लोगों को खुद को अलग कमरे में रखना चाहिए, लेकिन वे एक ही कमरे में भी रह सकते हैं। उन्हें आदर्श रूप से मास्क पहनना चाहिए और हाथों की स्वच्छता तथा सामाजिक दूरी के मानदंड का पालन करना चाहिए।'' अधिकारी ने कहा कि संपर्क में आए लक्षणविहीन लोगों को निगरानी के दौरान रक्त, कोशिकाओं, ऊतकों, अंगों या वीर्य का दान नहीं करना चाहिए। 

 

मंकीपॉक्स के लक्षण

मंकीपॉक्स आम तौर पर बुखार, सिरदर्द, तीन सप्ताह तक चकत्ते, गले में खराश, खांसी और अंगों में सूजन के साथ उभरता है।
 लक्षणों में घाव भी शामिल होते हैं, जो आम तौर पर बुखार की शुरुआत के एक से तीन दिनों के भीतर दिखाई देते हैं और लगभग दो से चार सप्ताह तक चलते हैं। 
खुजली के साथ स्वस्थ होने का चरण आने तक इनमें अक्सर दर्द होता है।

 

इस साल मई में, कई देशों में मंकीपॉक्स के मामलों की पहचान की गई थी। विश्व स्तर पर, अब तक 75 देशों से मंकीपॉक्स के 16,000 से अधिक मामले सामने आए हैं और इसके कारण अब तक पांच लोगों की मौत हो चुकी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने मंकीपॉक्स को अंतर्राष्ट्रीय चिंता का वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया है।

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