Edited By ,Updated: 24 Nov, 2016 11:23 PM
केंद्र सरकार ने पनामा पेपर्स लीक मामले में उच्चतम न्यायालय में गुरुवार को कहा कि मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच तेजी से चल रही है और वह (शीर्ष अदालत) इस...
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने पनामा पेपर्स लीक मामले में उच्चतम न्यायालय में गुरुवार को कहा कि मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच तेजी से चल रही है और वह (शीर्ष अदालत) इस मामले में कोई आदेश पारित न करें। सरकार ने न्यायालय को बताया कि कई जांच एजेंसियां मामले की जांच में जुटी हैं, इसलिए अदालत इसमें कोई आदेश न सुनाए, क्योंकि इससे जांच प्रभावित हो सकती है।
सरकार ने कहा कि पनामा पेपर्स लीक में कथित तौर पर विदेशों में बैंक खाते रखने वाले जिन भारतीयों के नाम सामने आए थे उनसे संबंधित पांच जांच रिपोर्ट विशेष जांच दल (एसआईटी) के समक्ष पेश हो चुकी हैं। ये रिपोर्टें सीबीडीटी, रिजर्व बैंक, वित्तीय खुफिया इकाई (एफआईयू) और प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों को मिलाकर बनाई गई बहु एजेंसी समूह ने तैयार की हैं।
सरकार का कहना है कि एसआईटी मामले को देख रही है। वहीं इस मामले में जनहित याचिका दायर करने वाले वकील एमएल शर्मा से शीर्ष अदालत ने पूछा कि इस मामले में भारतीय प्रतिभूति विनिमय बोर्ड (सेबी) की भूमिका क्या है, इस बारे में वह न्यायालय में जवाबी हलफनामा दायर करें। अब इस मामले की सुनवाई जनवरी 2017 के दूसरे हफ्ते में होगी। दरअसल, जनहित याचिका में पनामा पेपर्स लीक मामले की अदालत की निगरानी में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराए जाने की मांग की गई है।