केंद्र सरकार शीघ्र भरेगी खाली पद, चलाएगी भर्ती अभियान

Edited By shukdev,Updated: 22 Jan, 2020 11:33 PM

central government will soon fill the vacant post

देश में बढ़ रही बेरोजगारी को लेकर विपक्षी पार्टियों के निशाने पर रही मोदी सरकार ने सरकारी नौकरियों में खाली पड़े पदों पर भर्ती के लिए बड़ा कदम उठाया है। सरकार खाली पदों को भरने के लिए बड़े पैमाने पर अभियान चलाएगी। सूत्रों के मुताबिक, कार्मिक और...

नई दिल्ली: देश में बढ़ रही बेरोजगारी को लेकर विपक्षी पार्टियों के निशाने पर रही मोदी सरकार ने सरकारी नौकरियों में खाली पड़े पदों पर भर्ती के लिए बड़ा कदम उठाया है। सरकार खाली पदों को भरने के लिए बड़े पैमाने पर अभियान चलाएगी। सूत्रों के मुताबिक, कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) की तरफ से निर्देश दिए गए हैं कि सभी मंत्रालय और विभाग जल्द से जल्द इस संबंध में जरूरी कदम उठाएं और एक्शन टेकेन रिपोर्ट (एटीआर) भेजें।

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सूत्रों के मुताबिक, पिछले महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने निवेश और विकास दर बढ़ाने को लेकर बनी मंत्रिमंडलीय समिति की बैठक की अध्यक्षता की थी। इस बैठक में फैसला लिया गया कि केंद्र की नौकरियों में खाली पड़े पद जल्द से जल्द भरे जाने चाहिए। कैबिनेट कमेटी के निर्देश के बाद डीओपीटी ने सभी मंत्रालयों और विभागों को चिट्ठी लिखकर इससे अवगत कराया है।

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पत्र में कहा गया है कि सीधी भर्ती वाले जो पद हैं, उनको भरा जाए और इसकी जानकारी डीओपीटी को सौंपी जाए। हर मंत्रालय और विभाग को महीने की पांचवीं तारीख से पहले इस संबंध में उठाए गए कदमों की जानकारी डीओपीटी को देनी होगी। ग्रुप A, B और C वाले पदों की सीधी भर्ती केंद्र में होती है. इसे UPSC और SSC संचालित करती है। सूत्रों के मुताबिक, पिछले महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में निवेश और विकास दर बढ़ाने को लेकर बनी मंत्रिमंडलीय समिति की बैठक हुई थी जिसमें यह फैसला किया गया था कि केंद्र की नौकरियों में खाली पड़े पद जल्द से जल्द भरे जाने चाहिए। कैबीनेट कमेटी के निर्देश के बाद डीओपीटी ने सभी मंत्रालयों और विभागों को अब इस संबंध में पत्र भेजे हैं। केन्द्र सरकार को अभी नागरिकता संशोधन कानून को लेकर विपक्ष के हमलों का सामना करना पड़ रहा है।
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सरकार के साथ ही पूरी भारतीय जनता पार्टी नागरिकता संशोधन कानून को लेकर देशभर मे जनजाग्रति अभियान चला रही है, वहीं विपक्षी दले इसके विरोध में लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे है। कई राजस्थान, पंश्चिमी बंगाल, मध्यप्रदेश, झारखंड, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री सार्वजनिक रूप से यह कह चुके हैं कि वे सीएए लागू नहीं करेंगे। वे अपने भाषणों में लगातार यह कह रहे हैं कि केन्द्र सरकार बेरोजगारी, महंगाई जैसी समस्याओं से जनता का ध्यान भटकाने के लिए सीएए लेकर आई है। विपक्षी नेता हर विरोध प्रदर्शन के दौरान देश में बढ़ती बेरोजगारी को लेकर मोदी सरकार को आड़े हाथों ले रहे हैं।

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