राजग सरकार के experiment ने जम्मू कश्मीर को वर्षों पीछे धकेला : उमर

Edited By Monika Jamwal,Updated: 26 Nov, 2018 05:34 PM

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जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सोमवार को दावा किया कि केन्द्र की राजग सरकार जम्मू कश्मीर में स्थिति को जिस तरह अस्थाई और प्रयोगात्मक तरीके से संभाल रही है , उसने राज्य को कई वर्ष पीछे धकेल दिया है।

नयी दिल्ली : जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सोमवार को दावा किया कि केन्द्र की राजग सरकार जम्मू कश्मीर में स्थिति को जिस तरह अस्थाई और प्रयोगात्मक तरीके से संभाल रही है , उसने राज्य को कई वर्ष पीछे धकेल दिया है।   उमर का कहना है कि भाजपा को अभी कई सवालों के जवाब देने है जिसमें एक सवाल यह भी है कि ‘उन्होंने पीडीपी के साथ गठबंधन क्यों किया था और अचानक उसने समर्थन क्यों वापस ले लिया?’ उन्होंने कहा कि एक और सवाल जिसे राज्य के लोग निश्चित रूप से पूछेंगे कि 26 विधायकों के बावजूद भाजपा ने दो सदस्यों वाली पार्टी (सज्जाद लोन के नेतृत्व वाली) को समर्थन देने का फैसला क्यों किया।

नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) के वरिष्ठ नेता उमर अब्दुल्ला ने कश्मीर में राजनीतिक उथल-पुथल को संभालने में भाजपा की ङ्क्षनदा करते हुए कहा,‘2019 चुनाव को ध्यान में रखते हुए भाजपा अपना रुख बदल रही है और लोगों को भ्रमित कर रही है। उन्होंने राज्य को कई वर्ष पीछे धकेल दिया है।’ विवादित और विरोधाभासी’विचारधाराओं के गठबंधन पर टिप्पणी करते हुए उमर ने से कहा, ‘जब भाजपा और पीडीपी एकजुट हो गये, तो यह कहा गया था कि उत्तरी ध्रुव और दक्षिणी ध्रुव एक साथ आए थे और ‘एजेंडा ऑफ एलायंस’ बनाया गया था। क्या उन्होंने किसी भी वादे को पूरा किया है? अब देखें जम्मू-कश्मीर में क्या हुआ है...राज्य में मौजूदा राजनीतिक संकट देखिये।’    

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आफस्पा
  उन्होंने कहा,‘पाकिस्तान के साथ वार्ता शुरू किये जाने के बारे में तो भूल जाएं, वे अलगाववादियों के साथ वार्ता करने से इनकार करते हैं।’ सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम (आफस्पा) के बारे में उमर ने कहा,‘2011 या 2012 में कुछ क्षेत्रों से आफस्पा वापस लिये जाने के बारे में बात की जा रही थी, क्योंकि शांति का माहौल लौट आया था। लेकिन क्या हम आज ऐसा कह सकते हैं। हमने 2014 में जहां से छोड़ा था, उसके बाद से सेना और अद्धसैनिक बलों की संख्या दोगुनी कर दी गई है और ऐसा केवल कश्मीर में किये गये कई प्रकार के प्रयोगों के कारण हुआ है और ये सभी प्रयोग विफल रहे है।’ नेकां के उपाध्यक्ष ने 21 नवम्बर को राज्यपाल सत्यपाल मलिक द्वारा अचानक राज्य विधानसभा भंग किये जाने के बारे में अपने रुख को दोहराया। उन्होंने कहा,‘कुछ दिन पहले तक राज्यपाल विधानसभा को बनाये रखना चाहते थे। कांग्रेस और मेरी पार्टी के समर्थन से पीडीपी के सरकार बनाने का दावा करने के कारण रात में उन्होंने अपना रुख बदल लिया।’

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बेनकाब भाजपा

उमर ने कहा कि भाजपा ने पिछले विधानसभा चुनाव में जम्मू क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन किया था लेकिन आज वे बेनकाब हो गये हैं। इस समय उन्हें कई सवालों के जवाब देने हैं। ऐसे समय जब नेकां एक पार्टी के शासन का समर्थन कर रही है तो कांग्रेस के साथ संभावित गठबंधन के बारे में सवाल के जवाब में उमर ने कहा,‘हां, मैं एक पार्टी का शासन चाहता हूं क्योंकि 2002 से गठबंधन सरकारें रही हैं। लेकिन साथ ही उन्होंने कहा कि मुझे यह स्पष्ट करना है कि यह मेरी राय है और मैं अभी पार्टी के वरिष्ठ सहयोगियों के साथ चर्चा नहीं कर रहा हूं।’ 

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