Edited By Yaspal,Updated: 06 Aug, 2019 06:35 PM
चंद्रयान-2 ने मंगलवार को दोपहर बाद पृथ्वी की कक्षा पांचवी बार सफलतापूर्वक बदली। इसके साथ ही अब यह चंद्रमा के और पास पहुंच गया है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (इसरो) ने ट्वीट करके कहा,‘‘आज चंद्रयान-2 ने पांचवीं बार पृथ्वी....
चेन्नईः चंद्रयान-2 ने मंगलवार को दोपहर बाद पृथ्वी की कक्षा पांचवी बार सफलतापूर्वक बदली। इसके साथ ही अब यह चंद्रमा के और पास पहुंच गया है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (इसरो) ने ट्वीट करके कहा,‘‘आज चंद्रयान-2 ने पांचवीं बार पृथ्वी की कक्षा बदली। चंद्रयान-2 ने मंगलवार को अपराह्न तीन बजकर चार मिनट पर पांचवीं बार सफलतापूर्व कक्षा बदली।'' उन्होंने कहा कि चंद्रयान सभी मापदंड़ों पर सही ढ़ंग से काम कर रहा है।
इससे पहले 24 जुलाई को अपराह्न 2.52 बजे पहली बार चंदयान ने कक्षा बदली थी। इसके बाद 26 जुलाई को दूसरी बार, 29 जुलाई को तीसरी बार और दो अगस्त को चौथी बार चंद्रयान ने पृथ्वी की कक्षा बदली थी। चंद्रयान-2 का 22 जुलाई को दोपहर 2.43 बजे श्रीहरिकोटा (आंध्रप्रदेश) के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से प्रक्षेपण हुआ था जिसके16 मिनट बाद ही यान सफलतापूर्वक पृथ्वी की कक्षा में पहुंच गया था।
चंद्रयान-2 में ऑर्बिटर, लैंडर (विक्रम) और रोवर (प्रज्ञान) शामिल हैं जो 48 दिन में तीन लाख 844 किमी की यात्रा पूरी करके चांद के दक्षिणी ध्रुव पर लैंड करेगा। स्वदेशी तकनीक से निर्मित चंद्रयान-2 में कुल 13 पेलोड हैं। आठ ऑर्बिटर में, तीन पेलोड लैंडर ‘विक्रम' और दो पेलोड रोवर ‘प्रज्ञान' में हैं। पांच पेलोड भारत के, तीन यूरोप, दो अमेरिका और एक बुल्गारिया के हैं।
चंद्रयान-2 के 20 सितंबर को चांद की सतह पर उतरने की संभावना है और चांद की कक्षा में पहुंचने के बाद ऑर्बिटर एक साल तक काम करेगा। इसका मुख्य उद्देश्य पृथ्वी और लैंडर के बीच संपकर् स्थापित करना है।