Edited By prachi upadhyay,Updated: 13 Sep, 2019 06:40 PM
अवैध होर्डिंग को लेकर तमिलनाडु सरकार को फटकार लगाते हुए मद्रास उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को पूछा कि राज्य सरकार को सड़कों को पेंट करने के लिए और कितने लीटर खून की जरूरत है। दरअसल, एक दिन पहले ही महानगर में एक अवैध होर्डिंग 23 वर्षीय महिला इंजीनियर...
चेन्नई: अवैध होर्डिंग को लेकर तमिलनाडु सरकार को फटकार लगाते हुए मद्रास उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को पूछा कि राज्य सरकार को सड़कों को पेंट करने के लिए और कितने लीटर खून की जरूरत है। दरअसल, एक दिन पहले ही महानगर में एक अवैध होर्डिंग 23 वर्षीय महिला इंजीनियर पर गिर गया जिससे उसका संतुलन बिगड़ा और वो सड़क पर गिर गई। तभी पीछे से आ रहे पानी के टैंकर ने उसे कुचल डाला। जिससे उसकी मौके पर मौत हो गई।
उच्च अदालत ने सामाजिक कार्यकर्ता ट्रैफिक' रामास्वामी और वकील वी. लक्ष्मीनारायण और वी. कन्नादासन की याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से पूछा कि क्या सरकार ऐसे अनधिकृत बैनरों के खिलाफ कोई कड़ा रूख अपनाएगी? न्यायमूर्ति एम. सत्यनारायण और न्यायमूर्ति एन. शेषासायी ने आश्चर्य जताते हुए पूछा, ‘इस तरह के बैनरों से और कितनी जानें जाएंगी।'
इतना ही नहीं अदालत ने पूछा कि क्या अब कम से कम मुख्यमंत्री के. पलानीस्वामी ऐसे अनधिकृत बैनरों के खिलाफ बयान जारी करना चाहेंगे। अदालत ने घोर नौकरशाही उदासनीता की तरफ इशारा करते हुए कहा, ‘इस देश में जीवन का कोई मूल्य नहीं है।’ अदालत ने टिप्पणी की, ‘हमारा इस सरकार में विश्वास नहीं है।’ ट्रैफिक' रामास्वामी और वकील वी. लक्ष्मीनारायण और वी. कन्नादासन ने अवैध होर्डिंग के कारण बृहस्पतिवार को इंजीनियर की मौत को अदालत के संज्ञान में लाया।