देश के सबसे बड़े बिस्कुट ब्रांड Parle-G में चल रहा था बाल मजदूरी का खेल, 26 बच्चे छुड़ाए गए

Edited By Anil dev,Updated: 17 Jun, 2019 11:23 AM

chhattisgarh biscuit factory

छत्तीसगढ़ के रायपुर जिले की पुलिस ने एक बिस्कुट कारखाने से 26 बाल श्रमिकों को मुक्त कराया है। रायपुर जिले के पुलिस अधिकारियों ने आज यहां बताया कि जिले के विधानसभा थाना क्षेत्र के अंतर्गत आमासिविनी गांव में पारले-जी बिस्कुट की निर्माण इकाई में पुलिस,...

रायपुर: छत्तीसगढ़ के रायपुर जिले की पुलिस ने एक बिस्कुट कारखाने से 26 बाल श्रमिकों को मुक्त कराया है। रायपुर जिले के पुलिस अधिकारियों ने आज यहां बताया कि जिले के विधानसभा थाना क्षेत्र के अंतर्गत आमासिविनी गांव में पारले-जी बिस्कुट की निर्माण इकाई में पुलिस, महिला एवं बाल विकास विभाग, श्रम विभाग, शिक्षा विभाग और सामाजिक संगठनों ने संयुक्त रूप से कार्रवाई कर 26 बाल श्रमिकों को मुक्त कराया। बच्चों को किशोर गृह भेज दिया गया है। अधिकारियों ने बताया कि महिला और बाल विकास विभाग के अधिकारियों की शिकायत पर कारखाने के मालिक के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। मामले की जांच जारी है।  उन्होंने बताया कि बच्चों की उम्र 13 से 17 वर्ष के मध्य है। हालांकि उनकी उम्र के बारे में सही जानकारी उनके जन्म प्रमाण पत्र से ही मिल सकेगी।      

PunjabKesari

जिले के बाल संरक्षण अधिकारी नवनीत स्वर्णकार ने बताया कि 12 जून को विश्व बाल श्रम विरोधी दिवस मनाया गया। इस दौरान रायपुर जिले के कलेक्टर के निर्देश पर विभिन्न स्थानों पर काम करने वाले बाल श्रमिकों को बचाने के लिए जिला कार्यबल का गठन किया गया था। जिले में इस विषय पर जागरूकता फैलाने के लिए 10 जून से 15 जून तक अभियान चलाया गया। इस अभियान के दौरान छह दिनों में कारखानों और ढाबों समेत अन्य स्थानों पर काम करने वाले 51 बच्चों को मुक्त कराया गया। 

PunjabKesari

स्वर्णकार ने बताया कि शुक्रवार को पारले-जी के कारखाने से 26 बच्चों को मुक्त कराया गया। ये बच्चे छत्तीसगढ के अलावा पड़ोसी राज्यों झारखंड, उड़ीसा और मध्यप्रदेश के भी हैं। सभी बच्चों को काउंसिलिंग के लिए बाल कल्याण समिति के सामने प्रस्तुत किया गया है। उनके परिजनों से भी संपर्क किया जा रहा है। बचपन बचाओ आंदोलन के राज्य समन्वयक संदीप कुमार राव ने बताया कि बच्चों से सुबह आठ बजे से रात आठ बजे तक काम कराया जाता था तथा इसके लिए उन्हें प्रतिमाह केवल पांच से सात हजार रूपए दिए जाते थे। 

PunjabKesari

पार्ले के किसी भी कारखाने में 18 साल से कम उम्र के लोगों को नियुक्त नहीं किया जाता' 
वहीं बच्चों की नियुक्ति को लेकर आलोचनाओं का सामना कर रही बिस्कुट बनाने वाली कंपनी पार्ले-जी ने रविवार को कहा कि छत्तीसगढ़ की जिस इकाई से नाबालिक लड़कों को छुड़ाया गया है, उन्हें तीसरे पक्ष के ठेकेदार द्वारा रखा गया था। पार्ले-जी ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है। कंपनी ने ठोस कार्रवाई का आश्वासन दिया है। कंपनी के प्रवक्ता ने कहा कि पार्ले-जी इन आरोपों से चिंतित है। उन्होंने कहा, इस मामले में कारखाने का संचालन पार्ले प्रोडक्ट्स द्वारा नहीं किया जाता है जबकि इस संचालन एक तृतीय पक्ष के ठेकेदार द्वारा किया जाता है। बाल श्रम से जुड़े एक सरकारी कार्यबल ने गुप्त सूचना के आधार पर शुक्रवार को आमासिवनी इलाके में पार्ले-जी के कारखाने पर छापा मारकर 26 बाल मजदूरों को मुक्त कराया।

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!