नक्सल और अपराध के बीच जानिए छत्तीसगढ़ का पूरा राजनीतिक गणित

Edited By Anil dev,Updated: 12 Nov, 2018 11:49 AM

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भारत के पांच प्रदेशों में चुनाव होने वाले हैं। तारीखों का ऐलान भी हो चुका है। बाकी सभी राज्यों में एक चरण में चुनाव होंगे, बस छत्तीसगढ़ में दो चरणों में चुनाव संपन्न होंगे। 11 दिसंबर को सभी राज्यों में मतगणना होगी और नतीजे आ जाएंगे। छत्तीसगढ़ में...

नई दिल्लीः भारत के पांच प्रदेशों में चुनाव होने वाले हैं। तारीखों का ऐलान भी हो चुका है। बाकी सभी राज्यों में एक चरण में चुनाव होंगे, बस छत्तीसगढ़ में दो चरणों में चुनाव संपन्न होंगे। 11 दिसंबर को सभी राज्यों में मतगणना होगी और नतीजे आ जाएंगे। छत्तीसगढ़ में पहले चरण के लिए 12 नवंबर और दूसरे चरण के लिए 20 नवंबर को मतदान है। नक्सल प्रभावित बस्तर की 12 सीटों पर पहले ही चरण में मतदान किया जाएगा। केंद्र सरकार ने सूची जारी कर प्रदेश में नक्सल प्रभावित राज्यों के बारे में बताया भी है। 

प्रदेश में नक्सल प्रभावित जिले 
केंद्र ने जो सूची पेश की है, उसके मुताबिक बस्तर, दंतेवाड़ा, नारायणपुर, राजनांदगांव, बीजापुर, जशपुर, कांकेर, कोरिया, महासमुंद, गरियाबंद, सरगुजा, धमतरी, बालोद, सुकमा, कोंडागांव और बलरामपुर जिले नक्सल प्रभावित हैं।

किस क्षेत्र में कौन-सी सीटें
प्रदेश में विधानसभा की कुल 90 सीटें हैं। इनमें से 20 सीटें रायपुर क्षेत्र की हैं, जिसके अंतर्गत रायपुर उत्तर, रायपुर दक्षिण, रायपुर ग्रामीण, रायपुर पश्चिम, धरसींवा, अभनपुर, आरंग, महासमुंद, खल्लारी, बसपा, सराईपाली, बलौदाबाजार, भाटापारा, कसडोल, बिलाईगढ़, राजिम, बिंद्रानवागढ़, सिहावा, कुरूद, धमतरी सीटें आती हैं। सरगुजा में 14 विधानसभा सीटें हैं, जिसमें भरतपुर-सोनहत, मनेंद्रगढ़, बैकुंठपुर, अंबिकापुर, सीतापुर, लुंड्रा, रामानुजगंज, समरी, प्रेमनगर, भटगांव, प्रतापपुर, जशपुर (जिला जशपुर), कुनकुरी, पत्थलगांव शामिल है। 

नक्सलवाद से सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्र बस्तर ही है। यहां विधानसभा की 12 सीटें हैं। नारायणपुर, केशकाल, कोंडागांव, जगदलपुर, बस्तर, चित्रकोट, दंतेवाड़ा, कोंटा, बीजापुर, कांकेर, अंतागढ़, भानुप्रतापपुर। बिलासपुर में 24 सीटें हैं। बिलासपुर क्षेत्र में सबसे ज्यादा विधानसभा सीटें हैं। इस क्षेत्र के अंतर्गत 24 सीटें आती हैं। बिलासपुर, बेलतरा, बिल्हा, कोरबा, रामपुर, कटघोरा, पाली, तानाखारा, मुंगेली, लोरमी, तखतपुर, मस्तुरी, कोटा, मरवाही (रायगढ़, जिला), लाइलुंगा, सारंगढ़, खरसिया, धर्मजयगढ़, जाजंगीर, चापां (जांजगीर चांपा जिला), अकलतरा, पामगढ़, जैजयपुर, चंद्रपुर, सक्ती।

दुर्ग में विधानसभा की 20 सीटें - रायपुर उत्तर, रायपुर दक्षिण, रायपुर ग्रामीण, रायपुर पश्चिम, धरसींवा, अभनपुर, आरंग, महासमुंद, खल्लारी, बसपा, सराईपाली, बलौदाबाजार, भाटापारा, कसडोल, बिलाईगढ़, राजिम, बिंद्रानवागढ़, सिहावा, कुरूद, धमतरी सीटें आती हैं। 

पिछले चुनाव में किसके हाथ लगे थे कितने वोट
2013 में विधानसभा चुनाव के दौरान बीजेपी का 53,65,272 के साथ 41.04 वोट प्रतिशत था। वहीं, 52,67,698 वोटों के साथ कांग्रेस का वोट प्रतिशत 40.29 था।   

पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने मारी थी बाजी 
2013 में बीजेपी ने 49 सीटों पर जीत दर्ज की थी, जबकि कांग्रेस के खाते में 39 सीटें गईं। एक-एक सीट बसपा और अन्य के खाते में गई थी। 

अपराध मामलों का खुलासा कर चुके हैं कई विधायक 
2013 में 17 फीसद विधायकों ने अपने ऊपर अपराधिक मामलों के बारे में बताया था। वहीं, 2008 में ये आंकड़ा महज 13 फीसद था। बीजेपी के 49 विधायकों में से 6 विधायकों यानी 12 फीसद, जबकि कांग्रेस के 39 विधायकों में से 9 यानी 23 फीसद विधायकों ने आपराधिक मामलों की जानकारी दी थी। इसके साथ 8 विधायकों ने जानकारी दी थी कि उनके उपर हत्या और अपहरण जैसे आरोप हैं। लेकिन 66 विधायकों में से 58 चुनावी जीत हासिल करने में नाकाम रहे थे। 

शैक्षिक योग्यता
कुल 90 विधायकों में से 59 फीसद यानी 53 विधायक स्नातक हैं या उससे ज्यादा शिक्षित हैं, जबकि 40 फीसद यानी 36 विधायक 12वीं पास या उससे कम पढ़े-लिखे हैं।

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