Edited By Anil dev,Updated: 19 Nov, 2019 04:23 PM
छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले के आलूर गांव मे आदिवासियों ने श्रमदान करके 15 किलो मीटर की सड़क बना दी। यह सड़क नक्सलियों द्वारा बिछाईगई बारूदी सुरंग की दहशत से प्रशासन बनवा नहीं पा रहा था।
बीजापुर: छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले के आलूर गांव मे आदिवासियों ने श्रमदान करके 15 किलो मीटर की सड़क बना दी। यह सड़क नक्सलियों द्वारा बिछाईगई बारूदी सुरंग की दहशत से प्रशासन बनवा नहीं पा रहा था। ग्राम प्रमुख ताती रामू ने बताया कि भैरमगढ़ विकासखण्ड के अत्यंत संवेदनशील इलाके में करीब एक हजार की आबादी वाले आलूर गांव में सड़क निर्माण के लिए कई बार शासन , प्रशासन और मंत्री को आवेदन दिया गया था। पिछले कई सालों से सड़क नहीं बनने के कारण इलाज के अभाव में कई लोगो की मौत हो चुकी है। इसके साथ ही राशन लेने के लिए भी 15 किलो मीटर पैदल सफर कर भैरमगढ़ विकासखंड मुख्यालय जाना पड़ता था।
श्रमदान में जुट गए दो सौ महिला पुरूष
उन्होने बताया कि प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनने के बाद आदिवासियों को उम्मीद थी कि अब उनके गांव में राशन दुकान, स्कूल , अस्पताल होगा और सड़क बनेगी। चार माह पहले इन सुविधाओं की मांग की गयी थी। लेकिन प्रशासन ने यह कहते हुए असमर्थता जताई कि नक्सल समस्या के कारण फिलहाल वहां तक सड़क बनाने का कोई प्रस्ताव नहीं है। अगले दिन पांच गांव के आदिवासियो की बैठक हुई और दो सौ महिला पुरूष श्रमदान में जुट गए और सड़क बना ली।
खुद ही श्रमदान करके लोगों ने बना ली सड़क
बीजापुर विधायक एवं बस्तर विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विक्रम मण्डावी ने बताया कि ग्रामीण लंबे समय से सड़क की मांग कर रहे थे ,और मैंने उन्हें सड़क बनवाने का आश्वासन दिया था। इसी बीच उन्होंने खुद ही श्रमदान करके सड़क बना ली। श्री मण्डावी ने कहा कि सड़क की स्वीकृति दे दी गयी है। श्रमदान करने वाले ग्रामीणों को मजदूरी दी जाएगी।