Edited By Yaspal,Updated: 24 Dec, 2019 07:39 PM
संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन में शामिल जर्मन छात्र को भारत से बाहर भेजे जाने की अलोचना करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने मंगलवार को दावा किया कि इस छात्र ने यह याद दिलाया है कि जो वर्षों पहले जर्मनी में हुआ, वो भारत में नहीं...
नई दिल्लीः संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन में शामिल जर्मन छात्र को भारत से बाहर भेजे जाने की अलोचना करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने मंगलवार को दावा किया कि इस छात्र ने यह याद दिलाया है कि जो वर्षों पहले जर्मनी में हुआ, वो भारत में नहीं हो।
चिदंबरम ने ट्वीट कर कहा, ‘‘जर्मन छात्र हमें विश्व के इतिहास के एक काले अध्याय की याद दिला रहा है ताकि हम भारत में यह नहीं दोहराएं। यह छात्र हमारे आभार का हकदार है।'' उन्होंने कहा, ‘‘आईआईटी का निदेशक कहां है? इसके प्रमुख कहां हैं? दोनों की बात सुननी है। आईआईटी के छात्र कहां हैं? उन्हें जर्मन छात्र को निकाले जाने पर विरोध जताना चाहिए।''
दरअसल, पिछले सप्ताह संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन में हिस्सा लेने वाला एक जर्मन विद्यार्थी भारत से चला गया है। आव्रजन विभाग ने घरेलू मुद्दों पर प्रदर्शन में उसके भाग लेने को वीजा विनियमों का कथित उल्लंघन माना और उसे देश छोड़कर चले जाने को कहा था। आईआईटी मद्रास के सूत्रों ने बताया कि जर्मन विद्यार्थी जैकब लिंडेनथल कल रात देश से चला गया। वह इस संस्थान के भौतिकी विभाग से जुड़ा था और आदान-प्रदान कार्यक्रम के तहत यहां आया था।
पिछले सप्ताह संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ यहां संस्थान के गजेंद्र चौराहे के पास प्रदर्शन के दौरान उसने साथी प्रदर्शनकारियों से कहा था कि (हिटलर के शासनकाल में) यहूदियों के खिलाफ शुरू में छोटे-छोटे कदमों पर ध्यान नहीं दिया गया था। अंततोगत्वा ऐसे ही कदमों से उनका नरसंहार हुआ।