Edited By Seema Sharma,Updated: 14 Aug, 2018 04:56 PM
दिल्ली के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ मारपीट के मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के लिए उनके अपने ही मुश्किलें खड़ी कर सकते हैं। दरअसल दिल्ली पुलिस ने केजरीवाल और सिसोदिया के खिलाफ जो चार्जशीट दायर की है
नई दिल्लीः दिल्ली के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ मारपीट के मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के लिए उनके अपने ही मुश्किलें खड़ी कर सकते हैं। दरअसल दिल्ली पुलिस ने केजरीवाल और सिसोदिया के खिलाफ जो चार्जशीट दायर की है उसमें सीएम के करीबी के ही बयान दर्ज हैं। मुख्य सचिव के साथ मुख्यमंत्री आवास पर मारपीट हुई थी। दिल्ली पुलिस ने धारा-164 में मुख्यमंत्री के पूर्व सलाहकार वीके जैन के बयानों के आधार पर ही चार्जशीट दायर की है।
जैन अब चाहकर भी अपने बयान से पलट नहीं सकते क्योंकि दिल्ली पुलिस ने उनके बयान 22 फरवरी को 164 के तहत मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज करा दिए थे। ऐसे में अब अगर वे बयानों को पलटते हैं या बदलते हैं तो जैन के लिए मुशिकलें खड़ी हो सकती हैं। जैन के अलावा वैभव और विवेक यादव ने केजरीवाल के खिलाफ बयान दिया है। इन तीनों के बयानों के आधार पर ही केजरीवाल को आरोपी बनाया गया है। पुलिस ने इन तीनों को सरकारी गवाह भी बनाया है।
रिपोर्ट में सीएम और डिप्टी सीएम पर सवाल
- जांच रिपोर्ट के तहत घटना के समय सीएम और डिप्टी सीएम मौजूद थे, चाहते तो घटना रोकी जा सकती थी।
- रिपोर्ट में कहा गया कि सीएम और डिप्टी सीएम जानते हैं कि मुख्य सचिव को जिस बैठक के लिए कॉल की गई है, वह मुद्दा बैठक का नहीं था।
- इस बात का भी जिक्र है कि जब सीएस के कथित मारपीट हुई तो उसके बाद भी दोनों की मौजूदगी में ही विधायकों ने सबूतों से छेड़छाड़ की।
- घटना के बाद सीएम आवास की तरफ से पुलिस को किसी भी तरह की जानकारी नहीं दी गई,जबकि नियमत: वहीं से पहले सूचना मिलनी चाहिए थी।
- फोरेसिंक रिपोर्ट में साफ हुआ कि कैमरे 40 मिनट पीछे थे, यानि की साजिशन ऐसा किया गया।
यहां फंसे विधायक
अमानतउल्लाह और प्रकाश जारवाल पर पूर्व में भी आपराधिक मुकद्दमें दर्ज हैं, ऐसे में बैठक में मुख्य सचिव अंशु प्रकाश ने उनके साथ सोफे पर बैठने पर आपत्ति जताई थी, लेकिन दोनों विधायकों ने उन पर दबाव डालकर उनको बीच में बिठाया। बैठक में सबसे पहले मुख्य सचिव ने कहा कि बैठक खाद्य से संबंधित है तो इसमें खाद्यमंत्री क्यों नहीं हैं? इस पर दोनों विधायकों ने बदतमीजी शुरु कर दी। इसी बीच दो अन्य विधायकों ने एडवरटाईजिंग का मुददा उठा दिया और कहा कि पहले इस पर बात करो। इस पर जब मुख्य सचिव ने सीएम अरविंद केजरीवाल से बात करनी चाही तभी उनसे अभद्रता शुरु कर दी गई।