फेसबुक से तोड़ा बाल-विवाह का बंधन, अदालत ने किया स्वीकार

Edited By Punjab Kesari,Updated: 13 Oct, 2017 12:18 PM

child marriage to be broken by facebook  court accepts

फेसबुक की सक्रियता से राजस्थान में चल रही कुरीति बाल-विवाह के बंधन से एक युवती मुक्त हो गई। उसने फेसबुक के माध्यम से साक्ष्यों...

नई दिल्ली: फेसबुक की सक्रियता से राजस्थान में चल रही कुरीति बाल-विवाह के बंधन से एक युवती मुक्त हो गई। उसने फेसबुक के माध्यम से साक्ष्यों को जुटाया था जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया। बताया गया कि, उसका विवाह गैरकानूनी तरीके से एक विवाह समारोह के दौरान किया गया।

गुरुवार को एक समाजसेविका ने बताया कि, सुशीला बिश्नोई जिसकी उम्र अभी 19 साल है। उसने न्यायालय में याचिका दर्ज कि उसकी कमउम्र में किए गए विवाह के बंधन से मुक्त किया जाए। लेकिन उसके पति ने ऐसा करने से मना कर दिया कि उनकी कभी शादी भी हुई है। साथ ही इस मामले को दबाने की भी धमकी दी।

सारथी ट्रस्ट धर्मार्थ संगठन जिसने राजस्थान में अबतक कई बालविवाहों को रद्द कराया है। संगठन की कार्यकर्ता कृति भारती ने कहा, उन्होंने कहा कि अदालत ने सुबूतों को स्वीकार कर लिया। और शादी को अमान्य घोषित कर दिया। सुबूत के तौर पर उन्होंने सुशीला के पति के फेसबुक अकाऊंट से जानकारी जुटाई, जिसमें साबित हो गया वह शादीशुदा है। आगे बताया कि, 2010 में बाड़मेर जिले में एक गुप्त विवाह समारोह में दोनों (सुशीला और उसका पति) का विवाह हुआ था, उस समय उनकी उम्र 12 साल की ही थी।

सुशीला ने बताया कि, उसके माता-पिता उसे अपने पति के घर ले जाने और शादी को पूरा करने के लिए मजबूर कर रहे थे। उसने बताया कि, मैं पढ़ाई करना चाहती थी। लेकिन मेरे परिवार और मेरे ससुराल वालों ने मुझे शराबी पति के साथ रहने के लिए मजबूर कर रहे थे। यह मेरे जिंदगी और मौत का सवाल था। वह घर से निकल कर एक आश्रम में आ जहां उनकी मुलाकात कृति भारती से हुई। जिन्होंने इस विवाह का रद्द करने के लिए कानूनी कार्यवाही शुरू की।

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