Edited By Seema Sharma,Updated: 13 Jun, 2021 11:14 AM
हैदराबाद शहर के एक निजी अस्पताल में ‘जीन’ से संबंधित दुर्लभ और जानलेवा बीमारी से पीड़ित 3 साल के एक बच्चे अयांश गुप्ता को एक 65,000 लोगों के दान के पैसे थे दुनिया की सबसे महंगी दवा ‘जोलगेंसमा’ दी गई। अयांश जब एक साल का था तब उसे ‘स्पाइनल मैस्कुलर...
नेशनल डेस्क: हैदराबाद शहर के एक निजी अस्पताल में ‘जीन’ से संबंधित दुर्लभ और जानलेवा बीमारी से पीड़ित 3 साल के एक बच्चे अयांश गुप्ता को एक 65,000 लोगों के दान के पैसे थे दुनिया की सबसे महंगी दवा ‘जोलगेंसमा’ दी गई। अयांश जब एक साल का था तब उसे ‘स्पाइनल मैस्कुलर एट्रोफी’ नामक बीमारी होने का पता चला। अयांश के पिता योगेश गुप्ता यहां एक निजी कंपनी में काम करते हैं।
डाक्टरों ने कहा था कि अयांश तीन से चार साल से अधिक समय तक जीवित नहीं रहेगा इसलिए उसे समय पर इलाज की जरूरत है। दवा की एक खुराक के लिए 16 करोड़ रुपए एकत्र करना पहले तो असंभव प्रतीत हुआ लेकिन बाद में बच्चे के माता-पिता ने सोशल मीडिया पर अपील करने का निर्णय लिया। इस साल फरवरी में उन्होंने अपने बच्चे का जीवन बचाने के लिए चंदा एकत्र करने का अभियान चलाया था।