बच्चों को आरोपियों को सौंपने पर बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष सहित चार ने दिया इस्तीफा

Edited By shukdev,Updated: 03 Dec, 2018 05:38 PM

child welfare committee chairman on handing over children to smugglers

अंतरराज्यीय मानव तस्कर गिरोह के सरगना सहित 27 आरोपियों को गिरफ्तार करने व उनसे 13 बच्चे बरामद कर उनमें से 7 फिर आरोपियों के परिवार को सौंपने वाली बाल कल्याण समिति (आलीराजपुर) का काला सच सामने आने के बाद अध्यक्ष सहित चारों पदाधिकारियों ने इस्तीफा दे...

इंदौरः भोपाल के एनजीओ आवाज द्वारा पुलिस के साथ मिलकर अंतरराज्यीय मानव तस्कर गिरोह के सरगना सहित 27 आरोपियों को गिरफ्तार करनेव उनसे 13 बच्चे बरामद कर उनमें से 7 फिर आरोपियों के परिवार को सौंपने वाली बाल कल्याण समिति (आलीराजपुर) का काला सच सामनेआने के बाद अध्यक्ष सहित चारों पदाधिकारियों ने इस्तीफा दे दिया। कलेक्टर ने इनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है।
इस्तीफे के कारण में अध्यक्ष सुधीर जैन ने बताया मैं अकेला हूं, इसलिए परिवार को नहीं संभाल पा रहा। अन्य तीन पदाधिकारियों नारायणराठौर ने बिजनेस नहीं संभाल पाने, धर्मेंद्र ओझा ने मां के पैर की हड्डी टूटने व रंजना वाघेला ने अपनी सास के बीमार होने की दुहाई दी है। इसकेसाथ ही शासन व्दारा संसाधन उपलब्ध नहीं कराने का हवाला भी दिया।

एनजीओ आवाज व्दारा स्टिंग में जोखिम उठाने के बाद पुलिस ने एक हफ्ते में छोटा उदयपुर (गुजरात) के केशर अस्पताल के संचालक ए. राजूभाई, वहां के स्टाफ व इंदौर गिरोह के सरगना शैलू राठौर सहित 27 आरोपियों को गिरफ्तार कर 13 बच्चे बरामद किए थे। बाद मेंपदाधिकारियों ने बच्चों के जैविक माता-पिता का इंतजार किए बिना चार बच्चे फिर गुजरात से जुड़े आरोपियों के परिवारों को, जबकि तीन अन्यबच्चे आसपास के शहरों के आरोपियों के परिवार को सौंप दिए। मामले में आवाज के डायरेक्टर प्रशांत दुबे ने कलेक्टर (आलीराजपुर) कोमामले की शिकायत की तो हड़कंप मच गया और पदाधिकारियों ने आनन-फानन सामूहिक रूप से इस्तीफा दे दिया।

 

कारणों की बानगी

  • - पिछले एक हफ्ते से हम अनावश्यक तनाव, काम के बोझ व अप्रिय स्थितियों से गुजर रहे हैं।
  • - रिकवर बच्चों के मामले में काम का बोझ बढ़ा, लेकिन समिति के पास स्कैनर, प्रिंटर, फोटो कॉपी, कागज, टेलीफोन आदि संसाधन उपलब्धनहीं हैं। कम्प्यूटर ऑपरेटर भी डेलीवेजेस होकर अनुभवी नहीं हैं।
  • - एक हफ्ते हमें रात 9.30 बजे तक काम करना पड़ा।
  • - बच्चों के परिजन, रिश्तेदार उनकी कस्टडी के लिए अति उतावले रहते हैं। वे देर रात तक हमारे घरों का दरवाजा खटखटाते व फोन लगाते हैं।इससे हम और हमारा परिवार परेशान हो रहा है।
  • - बच्चों से जुड़े परिजन व केयर टेकर्स में विधिक ज्ञान का अभाव है। वे किसी भी हालत में बच्चा चाहते हैं और झगड़े पर उतारू

 


Story Credit: Navin Rangiyal - Pebble

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!