डिजिटल इंडिया में जान जोखिम में डालकर स्कूल जाने को मजबूर रहे हैं गांव के बच्चे

Edited By Monika Jamwal,Updated: 25 Jul, 2018 07:55 PM

एक तरफ सरकार बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए बड़े-बड़े दावे करते हैं तो वहीं जिला सांबा में आज भी ऐसे गांव हैं यहां पर बरसात के दिन है बच्चों को अपनी जान जोखिम में डालकर पानी को पार करके अपने स्कूलों तक पहुंचना पड़ता है।

सांबा : एक तरफ सरकार बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए बड़े-बड़े दावे करते हैं तो वहीं जिला सांबा में आज भी ऐसे गांव हैं यहां पर बरसात के दिन है बच्चों को अपनी जान जोखिम में डालकर पानी को पार करके अपने स्कूलों तक पहुंचना पड़ता है।  जिला सांबा के सुंब ब्लॉक के बलेतर ढाकी गांब में  एक नाले पर पुल नहीं होने के कारण बरसात के दिनों में हर रोज बच्चे मुश्किल से नदी को पार करके अपने स्कूल तक पहुंचते हैं। इस दौरान उनकी यूनिफार्म  पूरी तरह से खराब हो जाती है जबकि कुछ बच्चों को उनके परिजन कंधे पर उठाकर पानी को पार करते हैं। 

 


      एक अनुमान बरसात के लगभग 2 महीनों के दौरान बच्चे ऐसे ही स्कूल में जाते हैं जबकि पिछली सरकारों ने सिर्फ खोखले वादे करके लोगों के साथ धोखा किया। आलम यह है कि 300 मीटर के करीब नदी को पार करते हुए अगर बीच में पानी का बहाव तेज हो गया तो समझो जान खत्म हो गई।  वहीं जब इन बच्चों और उनके परिजनों से बात की गई तो उनका साफ कहना था कि इस पर एक पुल बनाया जाए ताकि वह पार करके आसानी से स्कूल जा सकें।
 

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