Edited By Anil dev,Updated: 06 Mar, 2020 10:05 AM
चीन में हुए अध्ययन में दावा किया गया है कि तापमान बढऩे से कोरोना वायरस के प्रसार में कमी देखी गई है लेकिन भारत में एच1एन1 के अनुभवों को देखते हुए चिकित्सा विशेषज्ञ इस बात को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त नहीं हैं। उनका कहना है कि आगामी दिनों में तापमान...
नई दिल्ली: चीन में हुए अध्ययन में दावा किया गया है कि तापमान बढऩे से कोरोना वायरस के प्रसार में कमी देखी गई है लेकिन भारत में एच1एन1 के अनुभवों को देखते हुए चिकित्सा विशेषज्ञ इस बात को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त नहीं हैं। उनका कहना है कि आगामी दिनों में तापमान बढऩे से फैलाव में कमी होगी, लेकिन यह पूरी तरह रुकेगा नहीं। एक चीनी विश्वविद्यालय ने 20 जनवरी से 4 फरवरी के बीच कोरोना संक्रमण के 24,139 मामलों के अध्ययन के बाद निष्कर्ष निकाला है कि न्यूनतम तापमान 1 डिग्री बढऩे से संक्रमण में 0.86 फीसदी की कमी आई है। चीन में उस दौरान तापमान 10 डिग्री या इसके आसपास रहा है। अध्ययन में कहा गया है कि जिन देशों में तापमान कम है, वहां इसके फैलाव की संभावना अधिक है। उन्हें लम्बे समय तक विशेष एहतियात बरतनी होगी।
नेताओं को भी यही उम्मीद
कोरोना वायरस पर नियंत्रण पाने के लिए विश्व समुदाय प्रभावी समाधान खोजने में जुटा हुआ है। इसके साथ ही विभिन्न राजनेताओं, डाक्टरों और शोधकत्र्ताओं ने उम्मीद जताई है कि गर्मी आने के साथ वायरस के प्रभाव में कमी आएगी।
भारत में तबाही नहीं
विशेषज्ञ के अनुसार भारत के गर्म तापमान और उमस के कारण यह भारत में तबाही नहीं मचा पाएगा। वायरस कम तापमान में फलता-फूलता है। यही वजह है कि दक्षिण-पूर्व एशिया में तेजी से फैला क्योंकि ये देश भारत के मुकाबले ठंडे हैं।