गीदड़भभकी के बावजूद चीन का भारत के साथ युद्ध करना आसान नहीं

Edited By Punjab Kesari,Updated: 06 Jul, 2017 11:33 AM

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भारत और चीन में पिछले कुछ दिनों से तनातनी कम होने की बजाय बढ़ती चली जा रही है। ड्रैगन भारत को लगातार 1962 युद्ध की याद दिला रहा है तो वहीं भारत पर पंचशील समझौते...

बीजिंग: भारत और चीन में पिछले कुछ दिनों से तनातनी कम होने की बजाय बढ़ती चली जा रही है। ड्रैगन भारत को लगातार 1962 युद्ध की याद दिला रहा है तो वहीं भारत पर पंचशील समझौते को तोड़ने का आरोप भी लगा रहा है। लेकिन ड्रैगन के एेसे आरोपों का भारत ने भी पलटवार किया है। भारत के रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने कहा था कि चीन को याद रखा चाहिए कि अब 1962 जैसे हालात नहीं है। जेटली के इस बयान से भी चीन भड़क गया था। भारत और चीन में चाहे जितनी भी तनातनी बढ़ जाए इसके बावजूद चीन के लिए भारत के साथ दोबारा युद्ध करना इतना आसान नहीं है। इन कारणों से भी चीन भारत के साथ युद्ध करने से बचेगा।


- भारत-अमरीका की दोस्ती 
भारत और अमरीका के बीच संबंध पिछले काफी समय से मजबूत होते गए हैं जिससे  चीन काफी बेचैन हैं। हाल ही में चीन की ओर से बयान भी आया था कि भारत अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कारण ही चीन को आंखें दिखा रहा है। डोनाल्ड ट्रंप भी लगातार अमरीका फर्स्ट की बात करते हैं, जिसका सीधा असर चीन पर भी पड़ सकता है। 


- भारत, चीन का सबसे बड़ा बाजार
यह तो बात साफ है कि भारत, चीन का सबसे बड़ा बाजार है। चीन की कंपनियां भी भारत में अहम भूमिका निभाती हैं, और बड़ी संख्या में भारत में अपना सामान बेचती हैं। दोनों देशों के बीच में 2016-17 तक लगभग 71.18 अरब डॉलर का कारोबार होता है, जिसमें चीन इस समय भारत को 59.43 अरब डॉलर के सामान का सालाना निर्यात करता है, जो यहां के कुल आयात का 13 फीसदी के आसपास होता है। केंद्र सरकार के आंकड़ों के मुताबिक मार्च 2017 तक चीन ने भारत में 4.91 अरब डॉलर का निवेश किया है। साफ है कि चीन अगर भारत से रिश्ते बिगाड़ने की कोशिश करता है तो उसके व्यापार पर काफी असर पड़ेगा। 


- चीन से ये सामान आयात करता हैं भारत
भारत चीन से जो चीजें आयात करता है उनमें मोबाइल, टीवी, चार्जर, मेमोरी कार्ड और म्‍यूजिक उपकरण,बर्तन, ऑटो एसेसरीज, बिल्‍डिंग मैटीरियल, सेनेटरी आइटम, किचन आइटम, टाइल्‍स, मशीनें, इंजन, पंप, केमिकल, फर्टिलाइजर, आयरन एवं स्‍टील, प्‍लास्‍टिक आदि शामिल हैं।


- भारत की सेना में भी है दम
यह साफ है कि अब भारत और चीन के हालात 1962 जैसे नहीं है।. भारत एक काफी मजबूत देश बन गया है, सैन्य मामलों में भी भारत की ताकत बढ़ी है। चीन भी भारत की ब्रह्रोस मिसाइल से डरता है।

ग्लोबल फायर पावर डॉट कॉम के मुताबिक चीन की वायुसेना के पास कुल 2,955 एयरक्राफ्ट हैं। इसमें से 1,271 फाइटर एयरक्राफ्ट, 1,385 अटैक एयरक्राफ्ट, 782 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट, 352 ट्रेनर एयर क्राफ्ट, 206 अटैक हेलिकॉप्टर समेत कुल 912 हेलिकॉप्टर हैं, जबकि भारत के पास 676 फाइटर एयरक्राफ्ट, 809 अटैक एयरक्राफ्ट, 857 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट, 323 ट्रेनर एयरक्राफ्ट,16 अटैक हेलिकॉप्टर समेत कुल 666 हेलिकॉप्टर हैं।


थल सेना की बात करें तो चीन के पास दुनिया की सबसे बड़ी सेना है। चीन के पास 22 लाख 85 हजार सशस्त्र सैनिक हैं, तो 5 लाख 10 हजार रिजर्व सैनिक भी हैं। यही नहीं, अर्धसैनिक बलों के रूप में चीन के पास 6 लाख 60 हजार सैनिक हैं। वहीं, भारत के पास 6,457 युद्धक टैंक, 4,788 बख्तरबंद  लड़ाकू वाहन, 1,710 स्वचालित वाहन और 1,770 रॉकेट प्रोजेक्टर हैं।

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