Edited By vasudha,Updated: 02 Jul, 2020 09:10 AM
भारत की ओर से दिया गया ‘डिजीटल झटका’ चीन संभाल नहीं पा रहा है। भारत में चीनी दूतावास की प्रवक्ता जी. रोंग ने कहा कि कुछ निश्चित चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध लगाने का भारत का फैसला भेदभाव से परिपूर्ण और अस्पष्ट है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार का यह निर्णय...
इंटरनेशनल डेस्क: भारत की ओर से दिया गया ‘डिजीटल झटका’ चीन संभाल नहीं पा रहा है। भारत में चीनी दूतावास की प्रवक्ता जी. रोंग ने कहा कि कुछ निश्चित चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध लगाने का भारत का फैसला भेदभाव से परिपूर्ण और अस्पष्ट है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार का यह निर्णय निष्पक्ष और पारदर्शी प्रक्रियाओं के खिलाफ है और राष्ट्रीय सुरक्षा अपवादों का दुरुपयोग करता है। रोंग ने इस फैसले को विश्व व्यापार नियमों (डब्ल्यू.टी.ओ.) के खिलाफ भी बताया।
रोंग ने कहा कि उपभोक्ता हितों और भारत में बाजार की प्रतिस्पर्धा को देखते हुए यह निर्णय उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि चीन भारत सरकार के इस कदम का मजबूती से विरोध करेगा और साथ ही हम भारत से अपील करेंगे कि वह अपना भेदभाव भरा व्यवहार बदले। उन्होंने कहा कि भारत सरकार का फैसला दोनों देशों के रिश्तों के लिए बहुत अच्छा नहीं है। भारत में बड़ी तादाद में लोग इन ऐप्स की वजह से किसी न किसी तरह से रोजगार पा रहे हैं, यह उनको भी परेशानी में डालेगा। उन्होंने कहा कि ये ऐप्स तमाम उन नियमों और निर्देशों का पालन करते हुए चल रही हैं जो सरकार की ओर से मिले हैं।
चीनी अखबार ने क्या लिखा
चीनी अखबार ने लिखा कि इस पाबंदी से भारतीय आई.टी. प्रोफैशनल्स को नुक्सान होगा, साथ ही दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ेगा। चीन सरकार के मुखपत्र ‘ग्लोबल टाइम्स’ ने लिखा कि भारत और चीन के बीच पिछले दिनों हुआ गतिरोध दुनियाभर में सुर्खियां बना, खासकर तब जब यह हिंसक हो गया और दोनों तरफ से दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटनाएं हुईं। अखबार के मुताबिक, हालांकि दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं बॉर्डर पर हुई हैं, लेकिन युद्धोत्तेजक लोगों के लिए यह अवसर में नहीं बदला जाना चाहिए।