ओवैसी का मोदी पर हमला, कहा- चीन ने हमारे 20 सैनिक मारे, फिर PM ने उनसे लिए 5,521 करोड़ उधार

Edited By Yaspal,Updated: 17 Sep, 2020 06:26 PM

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AIMIM प्रमुख और लोकसभा सासंद असदुद्दीन ओवैसी ने चीन के मुद्दे को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने एक मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए गलवान झड़प के बाद सरकार पर ‘चीन से उधार’ लेने के आरोपों को लेकर तीखा हमला किया है। उन्होंने एक...

नई दिल्लीः AIMIM प्रमुख और लोकसभा सासंद असदुद्दीन ओवैसी ने चीन के मुद्दे को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने एक मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए गलवान झड़प के बाद सरकार पर ‘चीन से उधार’ लेने के आरोपों को लेकर तीखा हमला किया है। उन्होंने एक ट्वीट कर कहा कि मोदी सरकार ने गलवान में हुई हिंसक झड़प का ’मुंहतोड़ जवाब’ चीन से उधार लेकर दिया है।

ओवैसी ने ट्वीट में लिखा, '15 जून को चीनी सैनिकों के साथ झड़प में 20 भारतीय जवानों ने अपनी जान गंवा दी। उनके साथ अन्यायपूर्ण और निर्मम बर्ताव किया गया। चार दिनों बाद, 19 जून को प्रधानमंत्री ने चीन से 5,521 करोड़ उधार लेकर उसे 'मुंहतोड़ जवाब' दे दिया। यह हमारे जवानों के बलिदान का अपमान है।
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इसके पहले ओवैसी ने बुधवार को इसी मुद्दे पर सरकार को घेरा था। उन्होंने संसद में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के बयान के बाद ट्विटर पर पीएम मोदी को निशाने पर लेते हुए कहा कि 'सर्वदलीय बैठक में आपने कहा था कि किसी भारतीय क्षेत्र पर कब्जा नहीं है और कोई घुसपैठ नहीं हुई है? फिर गलवान में हमने 20 बहादुर सैनिक कैसे खो दिए? उस रात क्या हुआ था? सरकार हमारे बंदी सैनिकों के बारे में सच क्यों नहीं बता रही है? आपने संसद को यह क्यों नहीं बताया कि आपने चीन से मांग की है कि LAC पर अप्रैल 2020 से पहले की स्थिति जैसी यथास्थिति बनाए रखी जाय ? अथवा मौजूदा स्थिति को ही यथास्थिति माना जाए?'

बता दें कि 14 और 15 जून की दरम्यानी रात में पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ भारतीय जवानों की हिंसक झड़प हुई थी, जिसमें 20 भारतीय जवानों ने अपनी जान गंवा दी थी। चीन के साथ अप्रैल-मई से ही पूर्वी लद्दाख में सीमा विवाद को लेकर तनाव बना हुआ है, जो गलवान झड़प के बाद अपने चरम पर पहुंच गया था। हालांकि, दोनों देशों का कहना है कि वो इस मामले को बातचीत के जरिए सुलझाने को प्रतिबद्ध हैं। इसके लिए सैन्य और कूटनीतिक स्तर पर बातचीत चल रही है। और अभी पिछले हफ्ते ही दोनों देशों के विदेश मंत्रियों ने मॉस्को में मुलाकात की थी और स्थिति सुधारने के लिए पांच सूत्रीय समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।

केंद्र सरकार की ओर से बुधवार को संसद में कहा गया है कि भारत के अपने पड़ोसी देशों से संबंध नहीं बिगड़े हैं और न ही पिछले छह महीनों में इंडो-चीन बॉर्डर पर कोई घुसपैठ हुई है। हालांकि, विपक्ष लगातार चीन के मुद्दे पर सरकार को घेर रहा है। मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस का कहना है कि सरकार चीन के मुद्दे को लेकर देश से सच नहीं बोल रही है।

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