Edited By Tanuja,Updated: 13 Dec, 2021 03:28 PM
ऑस्ट्रेलिया के लोवी इंस्टीट्यूट ने अपनी रिपोर्ट में भारत और चीन की ताकत को लेकर बड़ा खुलासा किया है । इस क्षेत्र पर प्रभाव डालने वाले विभिन्न देशों में ...
सिडनीः ऑस्ट्रेलिया के लोवी इंस्टीट्यूट ने अपनी रिपोर्ट में भारत और चीन की ताकत को लेकर बड़ा खुलासा किया है । इस क्षेत्र पर प्रभाव डालने वाले विभिन्न देशों में अमेरिका बेहतर राजनयिक संबंधों और टीकाकरण-संचालित तेजी से COVID-19 महामारी से उबरने के कारण शीर्ष स्थान पर है। कुल मिलाकर अमेरिका 2021 में सूचकांक के आठ में से छह में पहले स्थान पर था। दूसरी ओर, चीन, 2021 में सूचकांक के दूसरे स्थान पर रहा। सिडनी के लोवी इंस्टीट्यूट द्वारा तैयार किए गए एशिया के 26 देशों और क्षेत्रों को रैंक करने वाले 2021 के एशियन पावर इंडेक्स में भारत को चौथा सबसे शक्तिशाली देश का दर्जा दिया गया है।
आर्थिक क्षमता, सैन्य क्षमता, लचीलापन और सांस्कृतिक प्रभाव जैसे शक्ति के विभिन्न उपायों के आधार पर भारत ने 2020 की रैंकिंग की तुलना में अपना चौथा स्थान बरकरार रखा है। रिपोर्ट के अनुसार कोविड महामारी के दौरान जहां अमेरिका ने बेहतरीन डिप्लोमैसी के जरिए अपनी पकड़ मजबूत की वहीं एशिया की दो बड़ी ताकतों भारत और चीन का हिंद और प्रशांत महासागर में असर कम हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक भारत और चीन का बाहरी दुनिया और अपने क्षेत्र में प्रभाव कम हुआ, जबकि अमेरिका ने बेहतरीन डिप्लोमैसी के जरिए अपनी पकड़ मजबूत की है। उसका इस क्षेत्र के देशों पर प्रभाव बढ़ा है।
लोवी इंस्टीट्यूट ने एशियन पॉवर इंडेक्स 2021 टाइटिल से जारी रिपोर्ट में चीन को लेकर अहम टिप्पणी है। रिपोर्ट में कहा गया है- महामारी के बाद चीन फंसा हुआ है। कूटनीति और आर्थिक मोर्चे पर उसे अलग-थलग किया गया है। यही उसके पिछड़ने की वजह है। भारत इस क्षेत्र की चौथी बड़ी ताकत है। यहां पहले से अमेरिका, जापान और चीन मौजूद हैं। वो विकास की उस रफ्तार को नहीं पकड़ पाया है जो महामारी के पहले थी। एक साल में उसका भी कूटनीतिक और आर्थिक प्रभाव कम हुआ है। हालांकि, भारत पहले भी चौथे स्थान पर था और आज भी वहीं है।
रिपोर्ट के मुताबिक एशियाई ताकतों के तगड़े वजूद के बावजूद हिंद और प्रशांत क्षेत्र में अमेरिकी प्रभाव फिर तेजी से बढ़ा है। इसकी वजह जो बाइडेन एडमिनिस्ट्रेशन की मजबूत डिप्लोमैसी है। अमेरिका ने महामारी से उबरने के बाद तेज रिकवरी की है। आर्थिक तौर पर भी रफ्तार पकड़ चुका है। डोनाल्ड ट्रम्प के दौर में यह काम मुश्किल नजर आ रहा था। इंडेक्स के आठ में से छह पॉइंट्स में अमेरिका ही सबसे ज्यादा मजबूत है। रिपोर्ट के मुताबिक, भारत अब भी अमेरिका पर बहुत ज्यादा निर्भर नहीं है। इसके बावजूद वो चीन को मिलिट्री और स्ट्रैटेजिक लिहाज से कड़ी चुनौती पेश कर रहा है और उसके बराबर खड़े होने की कोशिश कर रहा है।