Edited By Tanuja,Updated: 31 Jul, 2019 04:35 PM
एक तरफ भारत सौर ऊर्जा से घरों को रोशन करने की दिशा में काम कर रहा है लेकिन दूसरी तरफ चीन और अमेरिका इससे आगे बढ़कर सोलर एनर्जी का इस्तेमाल दूसरी
बीजिंगः एक तरफ भारत सौर ऊर्जा से घरों को रोशन करने की दिशा में काम कर रहा है लेकिन दूसरी तरफ चीन और अमेरिका इससे आगे बढ़कर सोलर एनर्जी का इस्तेमाल दूसरी दिशा में कर रहे हैं। इस दिशा में एक कदम आगे बढ़ते हुए चीन ने सौर ऊर्जा से चलने वाले एक मानवरहित विमान का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है। यह विमान दो साल की रिसर्च के बाद सामने आया है।
अब चीन इस तरह के विमानों को और भी आधुनिक बनाने की दिशा में काम कर रहा है। इस तरह के विमानों का प्राकृतिक आपदाओं के आने और अन्य समय पर उपयोग भी किया जा सकेगा। चीन ने इसका नाम मोजी-2 "MOZI 2" रखा है। चीन ने दो दिन पहले 27 जुलाई को सौर ऊर्जा से चलने वाले इस विमान का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है। विमान निर्माता OXAI के अनुसार चीन के वैज्ञानिकों की देखरेख में इस विमान ने पूर्वी चीन के झेजियांग प्रांत के मोंगशान हवाई अड्डे पर सफलतापूर्वक अपनी पहली उड़ान भरी।
कंपनी इसकी शुरुआती सफलता से काफी उत्साहित हैं। MOZI 2 को बनाने वाली कंपनी की ओर से बताया गया कि विमान 15 मीटर के पंखों वाला और पूरी तरह से सौर ऊर्जा से संचालित है। यह विमान अधिकतम 8000 मीटर की ऊंचाई पर उड़ान भर सकता है। इसको पूरी तरह से चार्ज होने में करीब आठ घंटे का समय लगता है जिसके बाद यह 12 घंटे तक उड़ सकता है।
कंपनी के मुताबिक इसका प्रयोग विमान को आपदा राहत, टोही और संचार के लिए भी किया जा सकता है। कंपनी के महाप्रबंधक माओ यिक्विंग ने कहा कि वे 5 जी सेवा प्रदाताओं के साथ मिलकर विमान को और अधिक आधुनिक बनाने की दिशा में काम करेंगे। इससे पहले पूर्वी चीन में एक गाड़ी पर सोलर पैनल लगाए गए थे, इन पैनलों का इस्तेमाल इस गाड़ी को चलाने में किया जा रहा था।