Edited By Tanuja,Updated: 02 Mar, 2019 01:09 PM
वियतनाम में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप व उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन की शिखर वार्ता असफल रहने के बाद चीन ने कहा है कि उसने भारत और पाकिस्तान को कभी भी परमाणु शक्ति संपन्न राष्ट्र का दर्जा नहीं दिया...
बीजिंगः वियतनाम में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप व उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन की शिखर वार्ता असफल रहने के बाद चीन ने कहा है कि उसने भारत और पाकिस्तान को कभी भी परमाणु शक्ति संपन्न राष्ट्र का दर्जा नहीं दिया। और उत्तर कोरिया को भी वह यह दर्जा देने को तैयार नहीं है। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ल्यू कांग ने कहा, परमाणु शक्ति संपन्न राष्ट्र को लेकर भारत और पाकिस्तान के बारे में उसकी पुरानी राय कायम है।
वह दोनों को परमाणु हथियार संपन्न नहीं मानता। भारत ने परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) पर दस्तखत नहीं किए हैं। इस आधार पर चीन भारत के परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) में प्रवेश का विरोध कर रहा है। 48 सदस्यीय इस समूह में सर्वसम्मति से ही नया सदस्य बनाया जा सकता है। सदस्यता के लिए अर्जी देने वाले देश का एनपीटी पर दस्तखत करना अनिवार्य है। एनपीटी पर दस्तखत में भारत को छूट दिए जाने पर वह संगठन के बाकी सदस्यों से पाकिस्तान को भी छूट देने की सिफारिश कर रहा है। पाकिस्तान ने भी एनएसजी की सदस्यता के लिए अर्जी लगा रखी है।
हनोई में ट्रंप और किम जोंग की बैठक सफल न हो पाने का मुख्य कारण उत्तर कोरिया का अपने दो यूरेनियम शोधन संयंत्रों को बंद करने से इन्कार रहा। परिष्कृत यूरेनियम से ही अति संहारक परमाणु हथियार तैयार होते हैं। 27 फरवरी को शिखर बैठक शुरू होने से पूर्व ही राष्ट्रपति ट्रंप ने साफ कर दिया था कि वह उत्तर कोरिया के पूर्ण परमाणु निशस्त्रीकरण के कम पर तैयार नहीं हैं। परमाणु हथियार खत्म करने का फैसला ही बैठक के सफल होने का पैमाना होगा।