भारत के 59 एप पर स्थाई बैन से बौखलाया चीन, विश्‍व व्‍यापार संगठन में लगाई शिकायत

Edited By Tanuja,Updated: 28 Jan, 2021 02:22 PM

china opposes india s decision to continue chinese apps ban

पिछले दिनों  भारत सरकार ने एक नोटिस जारी  कर टिकटॉक समेत चीन के अन्य ऐप पर लगी पाबंदी जारी रखने का ऐलान किया था । सरकार ने सबसे पहले जून में चीन के 59 ऐप पर और फिर सितंबर में 118 अन्य ऐप पर रोक लगा दी थी। इनमें टिकटॉक और पबजी जैसे लोकप्रिय ऐप शामिल...

बीजिंगः भारत द्वारा बैन चीन के टिकटॉक, वी चैट और यूसी ब्राउजर समेत 59 चीनी ऐप को लेकर इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) मंत्रालय ने इस बाबत एक ताजा नोटिस जारी किया है। नए नोटिस के तहत  भारत में TikTok और WeChat समेत  बैन सभी  59 ऐप्स पर पाबंदी को परमानेंट किया जा रहा है। भारत ने इन कंपनियों के जवाब से असंतुष्ट होकर  यह  कड़ा फैसला लिया है। भारत  के इस एक्शन से चीन तिलमिला उठा है । ऐप बैन होने पर  बौखलाए चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ने कहा कि चीनी कंपनियों को भारत सरकार से मुआवजे की मांग करनी चाहिए। 

 

 पिछले दिनों  भारत सरकार ने एक नोटिस जारी  कर टिकटॉक समेत चीन के अन्य ऐप पर लगी पाबंदी जारी रखने का ऐलान किया था । सरकार ने सबसे पहले जून में चीन के 59 ऐप पर और फिर सितंबर में 118 अन्य ऐप पर रोक लगा दी थी। इनमें टिकटॉक और पबजी जैसे लोकप्रिय ऐप शामिल हैं। भारत सरकार ने इन ऐप्स के जरिए इकट्ठा किए जा रहे डेटा और उनके इस्तेमाल को लेकर सवाल उठाए थे और इस संबंध में इन ऐप्स की कंपनियों से सफाई मांगी थी, मगर कंपनियों ने जो जवाब दिए हैं, उससे सरकार संतुष्ट नहीं है ।  इन कंपनियों को भारत के विशाल यूजर्स नहीं मिलने से काफी नुकसान हो रहा है। चीन की यही बौखलाहट अब ग्लोबल टाइम्स में देखने को मिल रही है।

 

चीनी कंपनियों के जवाब से संतुष्ट न होने पर ग्लोबल टाइम्स ने इसे भारत की साजिश बताया है। ग्लोबल टाइम्स ने आरोप लगाया कि भारत सरकार ने सीमा विवाद पर अपना गुस्सा उतारने के लिए यह कदम उठाया है और दूसरा घरेलू कंपनियों और भारतीय उत्पाद को जगह देने के लिए। ग्लोबल टाइम्स ने अपने संपादकीय में आरोप लगाया है कि विदेशी कंपनियों के प्रोडक्ट पर बैन लगाने की भारत की पुरानी आदत है और अमेरिकी, जापानी और साउथ कोरियन कंपनियों को भारत की इस चाल का अनुभव है। भारत में इन ऐप्स पर बैन से बौखलाए चीनी सरकार के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ने विश्व व्यापार संगठन की नीतियों का उल्लंघन तक बता दिया है। उसने दावा किया है कि भारत में विकसित सभी चीनी ऐप आधिकारिक और कानूनी रूप से पंजीकृत हैं। उन्होंने अपना व्यवसाय शुरू करके भारत में प्रासंगिक बाजार का पोषण किया है। भारत उन्हें पूरी तरह से धकेल रहा है और उन्हें स्थानीय उत्पादों के साथ बदल रहा है।

 

उसने आरोप लगाया है कि इसका भारत की आत्मनिर्भरता से कोई लेना-देना नहीं है । संपादकीय के माध्यम से ग्लोबल टाइम्स ने भारतीय कंपनियों को भी भड़काने की कोशिश की है। उसने कहा है कि जो भारतीय कंपनियां इस 'डकैती' से लाभान्वित हुई हैं, वे जानती हैं कि वे एक ऐसे कारोबारी माहौल में हैं, जहां किसी भी समय राजनीतिक लाभ के लिए इंट्रेस्ट बैलेंस को पलटा जा सकता है। अपनी नाकामियों को छिपाने वाले चीन ने कहा है कि भारत अभी भी बर्बर युग में है। जिस भारत के डर से चीन अब नेपाल और पड़ोसी देशों को अपने जाल में फांसने की कोशिश कर रहा है, उसने भारत को बैकवर्ड देश बताया है।  

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