Edited By vasudha,Updated: 16 Nov, 2019 12:24 PM
चीन ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के अरुणाचल दौरे का विरोध करते हुए कहा कि उसने कभी भी भारत के ‘तथाकथित'' पूर्वोत्तर राज्य (अरुणाचल प्रदेश) को मान्यता नहीं दी है। चीन का दावा है कि यह राज्य दक्षिणी तिब्बत का हिस्सा है। सिंह ‘मैत्री दिवस'' समारोह में...
नेशनल डेस्क: चीन ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के अरुणाचल दौरे का विरोध करते हुए कहा कि उसने कभी भी भारत के ‘तथाकथित' पूर्वोत्तर राज्य (अरुणाचल प्रदेश) को मान्यता नहीं दी है। चीन का दावा है कि यह राज्य दक्षिणी तिब्बत का हिस्सा है। सिंह ‘मैत्री दिवस' समारोह में हिस्सा लेने के लिए गुरुवार को तवांग गए थे।
‘मैत्री दिवस' पड़ोसी देश चीन के साथ असैन्य-सैन्य मित्रता को बढ़ाने के लिए है। इस यात्रा पर प्रतिक्रिया देते हुए चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जेंग शुआंग ने कहा कि चीन सरकार ने कभी भी इस तथाकथित राज्य अरुणाचल प्रदेश को मान्यता नहीं दी। उन्होंने कहा कि हम उस क्षेत्र में भारतीय अधिकारियों या नेताओं की गतिविधियों का पुरजोर विरोध करते हैं। हम भारतीय पक्ष से अनुरोध करते हैं कि वह चीन के हितों और चिंताओं का सम्मान करे, और ऐसी कोई भी कार्रवाई करने से बचे जो सीमा विवाद को जटिल बनाए। उसे सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए कदम उठाने चाहिए।
चीन दावा करता है कि अरुणाचल प्रदेश दक्षिण तिब्बत का हिस्सा है। दोनों देशों के बीच सीमा विवाद को सुलझाने के लिए अभी तक 21 दौर की वार्ता हो चुकी है। दोनों देशों के बीच 3,488 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा है। चीन अपने रुख को मजबूत करने के लिए हमेशा ही भारतीय नेताओं की अरुणाचल यात्रा का विरोध करता है। वहीं, भारत का कहना है कि अरुणाचल प्रदेश उसका अभिन्न अंग है और भारतीय नेता देश के अन्य हिस्सों की तरह ही समय-समय पर वहां भी जाते हैं। तवांग में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि इस क्षेत्र में रहने वाले लोग देश के लिए सामरिक रूप से महत्वपूर्ण हैं।