Edited By Tanuja,Updated: 02 Jul, 2020 04:54 PM
भारत के खिलाफ चीन हर घटिया हथकंडा अपना रहा है। भारत पर चौतरफा दबाव बनाने के लिए चीन कभी पाकिस्तान में ...
इंटरनेशनल डेस्कः भारत के खिलाफ चीन हर घटिया हथकंडा अपना रहा है। भारत पर चौतरफा दबाव बनाने के लिए चीन कभी पाकिस्तान में आंतकवाद का समर्थन करता है तो कभी नेपाल को जमीन पर कब्जे के लिए उकसा रहा है। भारत में शांति व्यवस्था भंग करने की मंशा से चीन अब आतंकवादियों की मदद लेने से भी गुरेज नहीं कर रहा है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक चीन म्यांमार के आतंकी संगठनों को पैसे और आत्याधुनिक हथियार की आपूर्ति कर रहा है।
चीन के द्वारा नयपिटाव आतंकवादी समूह अराकान सेना को मदद की जा रही है। दक्षिण-पूर्व एशिया की जानकारी रखने वाले सैन्य सूत्रों ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि चीन अराकन सेना को लगभग 95 प्रतिशत तक सहायता दे रहा है। उन्होंने बताया कि अराकान सेना के पास लगभग 50 मैन-पोर्टेबल एयर डिफेंस सिस्टम सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें हैं। चीन की इस हरकत पर म्यांमार आर्मी चीफ ने तल्ख लहजे में ड्रैगन को चेतावनी देते हुए कहा कि वह यहां के आतंकी समूहों को हथियार न दे।
जनरल ने इसे लेकर अंतरराष्ट्रीय समुदाय से सहयोग की भी मांग की। दक्षिण पूर्व एशिया में म्यांमार चीन का सबसे करीबी पड़ोसी माना जाता है। रूस के सरकारी चैनल Zvezda को दिए गए इंटरव्यू में म्यांमार आर्मी चीफ जनरल मिन आंग ह्लाइंग ने कहा कि उनकी धरती पर सक्रिय आतंकी समूह के पीछे मजबूत ताकतें हैं। उन्होंने इसके लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग की भी मांग की। बता दें कि जनरल के 'मजबूत ताकतों' को चीन के परिपेक्ष्य में जोड़कर देखा जा रहा है।
बताया जा रहा है कि चीन की इस हरकत के पीछे उसका स्वार्थ है। चीन चाहता है कि म्यांमार उसके बेल्ट एंड रोड प्रोजक्ट की कई परियोजनाओं को मंजूर करे। इसके लिए म्यांमार सरकार पर दबाव बनाने के लिए वह इन आतंकी समूहों को हथियार देता है जबकि म्यांमार इसमें शामिल होने से इंकार करता रहा है। इतना ही नहीं, चीन भारत के भी आतंकी समूहों को कश्मीर में हमले करने के लिए उकसा रहा है।