Edited By Tanuja,Updated: 16 Sep, 2020 03:03 PM
सीमा विवाद को लेकर बड़ी तल्खियों के बीच भारत के एक्शन से चीन पूरी तहर बौखला गया है। लद्दाख में पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे पर भारतीय सेना के
बीजिंगः सीमा विवाद को लेकर बड़ी तल्खियों के बीच भारत के एक्शन से चीन पूरी तहर बौखला गया है। लद्दाख में पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे पर भारतीय सेना के जवाबी कार्रवाई के बाद चीन ने 33 साल बाद पहली बार सेना की जंगी तैयारी को दूसरे सर्वोच्च अलर्ट पर रख दिया । हालांकि चीन सेना की लड़ाकू तैयारी को भारत और चीन के विदेश मंत्रियों के बीच मुलाकात के बाद कम कर दिया गया।
चीनी सेना के एक अधिकारी ने बताया कि इस दौरान बड़े पैमाने पर सैनिकों और हथियारों को अग्रिम मोर्चों पर तैनात किया गया था। सूत्रों के अनुसार इससे पहले इस इलाके में अलर्ट का यह स्तर वर्ष 1987 में हुआ था। उस समय सुमदोरोंग चू घाटी में दोनों पक्षों के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया था और युद्ध की नौबत आ गई थी। पीएलए में अलर्ट के चार स्तर हैं। पहला स्तर उस समय लागू किया जाता है जब सैन्य कमांडरों को लगता है कि अब युद्ध होकर रहेगा। चीनी सेना के सूत्र ने कहा कि सबसे खराब परिस्थिति की तैयारी के लिए चीन ने और ज्यादा सैनिक और हथियार वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भेजा है।
चीन ने अपनी तैयारी के स्तर को उस समय घटा दिया जब दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच मास्को में मुलाकात हुई। दोनों के बीच इस बातचीत के बाद कहा गया था कि तनावपूर्ण स्थिति भारत और चीन के हित में नहीं है। एक अन्य सूत्र ने कहा कि हालांकि सतर्कता के स्तर को घटा दिया गया है लेकिन अगर परिस्थितियां बदलती हैं तो इसे फिर से बढ़ा दिया जाएगा। पैगोंग में फायरिंग की घटना के अगले दिन पीएलए के सेंट्रल थिएटर कमांड ने 8 सितंबर को वीबो पर जारी बयान में कहा था कि उसे और ज्यादा सैनिक तथा हथियारों की तैनाती का आदेश हुआ है। चीनी सेना ने कहा कि उसने कई युद्धाभ्यास शुरू किए हैं।
उन्होंने कहा कि चूंकि तैयारी स्तर बढ़ा दिया गया है, इसलिए कमांडर, अधिकारी एवं सैनिक और ज्यादा अभ्यास 24 घंटे कर रहे हैं। कनाडा की सैन्य मैगजीन कन्वा डिफेंस रिव्यू सैटलाइट तस्वीरों की मदद से बताया कि चीनी सैनिक पैंगोंग झील के आसपास बड़े पैमाने पर तैनात हैं। पत्रिका के एडिटर आंद्रेई चांग ने कहा, 'पीएलए के जेएच-7 बॉम्बर अग्रिम मोर्चे के एयरपोर्ट पर हथियारों के साथ पूरी तरह से तैयार हैं जो इस बात का इशारा है कि वे एक्शन के लिए तैयार हैं। मुझे डर है कि यह झड़प एक सामान्य बात हो सकती है और एलएसी एक और कश्मीर में बदल सकता है।'